पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान अब एक नए नारे के साथ पाकिस्तान की सियासत में फिर से गर्मी पैदा करने जा रहे हैं। इस नारे का नाम ‘इलेक्शन कराओ मुल्क बचाओ’ है। इसके तहत इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ यानी पीटीआई जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर मुल्क भर में प्रदर्शन करेगी।
इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही इमरान खान जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।
तुरंत चुनाव की मांग को लेकर पीटीआई 7 दिसंबर से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेगी, इसका फैसला लाहौर में इमरान के आवास पर हुई पीटीआई के विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों की एक बैठक में लिया गया।
7 दिसंबर से 17 दिसंबर तक पूरे लाहौर में सार्वजनिक सभाएं की जाएंगी और इनमें मुल्क की शहबाज शरीफ हुकूमत पर दबाव बनाया जाएगा कि वह चुनाव कराए।
हकीकी आजादी मार्च
इमरान खान ने कुछ दिन पहले हकीकी आजादी मार्च निकाला था। इस दौरान उन पर हमला हुआ था। इमरान ने हमले के लिए वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि मेजर जनरल फैसल नसीर इस मुल्क़ को तबाही की ओर ले जा रहे हैं।
इमरान ने पहले इस्लामाबाद पहुंचने का एलान किया था लेकिन बाद में उन्होंने रावलपिंडी में मार्च खत्म कर दिया था।
इमरान ने ऐलान किया था कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा से पीटीआई के विधायक इस्तीफे देंगे। लेकिन हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर हुकूमत मार्च के अंत तक चुनाव कराने के लिए राजी है तो हम ऐसा नहीं करेंगे।
इमरान खान इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही आर्मी पर जोरदार ढंग से हमलावर हैं। वह पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं।
आसिम मुनीर की तैनाती
पाकिस्तान में बन नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर की तैनाती को लेकर भी राजनीतिक माहौल गर्म है। क्योंकि आसिम मुनीर जब इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के चीफ थे तो इमरान ने वज़ीर-ए-आज़म रहते हुए उन्हें हटा दिया था और उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को आईएसआई का चीफ नियुक्त किया था।
हालांकि अब ऐसी खबर आई है कि इमरान खान ने पार्टी नेताओं से कहा है कि वह आर्मी की आलोचना ना करें।
अपनी सरकार गिरने के बाद से ही इमरान खान ने जितने बड़े जलसे पाकिस्तान के अंदर किए हैं, इन जलसों में आने वाली भीड़ से पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता इस मुल्क में सिर चढ़कर बोलती है। हालिया उपचुनाव में भी उनकी पार्टी पीटीआई को जोरदार जीत मिली थी।
देखना होगा कि इमरान खान शहबाज शरीफ की हुकूमत पर जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए कितना दबाव बना पाते हैं।
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