पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने वाला है। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का चुनाव चिन्ह्र 'बैट' (बल्ला) को रद्द कर दिया है।
5 सदस्यों वाले पाकिस्तान के चुनाव आयोग की बेंच ने शुक्रवार को उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह्र छीनने की घोषणा कर दी है। इसके साथ चुनाव आयोग ने तहरीक-ए-इंसाफ या पीटीआई में हुए आंतरिक चुनाव को भी अवैध घोषित कर दिया है।
शुक्रवार को 11 पेज के फैसले में पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने कहा है कि पीटीआई में नियमों के मुताबिक चुनाव नहीं हो रहे थे।
पाकिस्तान के जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीटीआई में इमरान खान की जगह वरिष्ठ नेता गौहर अली खान को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था।
आयोग के इस फैसले के बाद उनका पद भी अमान्य घोषित कर दिया गया है। इस फैसले को सुनाने से पूर्व आयोग ने पीटीआई को भरोसा दिलाया था कि उसे भी आगामी आम चुनाव में दूसरी पार्टियों की तरह ही समान मौके दिए जाएंगे।
आयोग के इस फैसले का पीटीआई ने पुरजोर विरोध किया है। पीटीआई ने कहा है कि वह पाकिस्तान का आम चुनाव जरुर जीतेगी। वह हर स्तर पर चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगी। पार्टी ने कहा है कि वह अपने सभी उम्मीदवारों को बल्ले वाले चुनाव चिन्ह्र के साथ ही चुनावी मैदान में उतारेगी।
पाकिस्तान में 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव होने हैं। अगर इमरान खान की पार्टी पीटीआई चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट से रद्द नहीं करवा पाती है तो उसे किसी अन्य चुनाव चिन्ह्र को लेकर चुनाव लड़ना पड़ेगा।
ऐसे में उसके लिए चुनाव में जीत दर्ज करना काफी मुश्किल हो सकता है। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर चुनाव चिन्ह्र बल्ला पीटीआई को नहीं वापस मिलता है तो वह अपने उम्मीदवारों को निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतार सकती है।
वह किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन कर के अपने उम्मीदवारों को उसके चुनाव चिन्ह्र पर भी लड़वा सकती है।
पीटीआई के लिए चुनाव चिन्ह बल्ला इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि उसके नेता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान क्रिकेटर रहे हैं। वह अपने दौर में पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटर रहे हैं।
इमरान खान पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं। उनकी कप्तानी में ही पाकिस्तान ने 1992 का क्रिकेट वर्ल्ड कप भी जीता था। इसलिए यह इमरान के पिछले करियर का भी चिन्ह्र है। यही कारण है कि इस चिन्ह्र से इमरान और उनकी पार्टी के नेता वह अन्य समर्थक भावनात्मक तौर पर भी जुड़े हैं।
इमरान खान के लिए इसलिए बढ़ा संकट
भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों में इमरान खान पहले से ही जेल में बंद हैं। उनकी सरकार जब से गिरी है तब से सेना और पाकिस्तान की विभिन्न संस्थाओं की ओर से उन्हें एक के बाद एक झटके दिए जा रहे हैं। हाल के दिनों में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के मिला यह सबसे बड़ा झटका है। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं लेकिन इस बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई से चुनाव चिन्ह्र छिन लिए जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बल्ला चुनाव चिन्ह्र नहीं रहने पर उनकी पार्टी के लिए चुनाव में जीत दर्ज कराना आसान नहीं होगा।
पाकिस्तान की राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वाले राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में सेना इमरान को पसंद नहीं करती है। पाकिस्तानी सेना की कोशिश है कि किसी भी तरह से पाकिस्तान की सरकार में इमरान खान की दुबारा वापसी को रोका जाए।
सेना इसके लिए हर संभव कोशिश कर रही है कि इमरान को सत्ता से दूर रखा जाए। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग का यह फैसला भी सेना की सहमति और इशारे पर लिया गया है।
पाकिस्तानी सेना इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहती है। इसके लिए वह उनके रास्ते की सभी बाधाओं को दूर करने की कोशिश कर रही है।
आने वाले दिनों में पीटीआई और इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से चुनाव चिन्ह्र मामले में कोई राहत मिलती है कि नहीं इस पर दुनिया भर की नजर रहेगी।
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