आतंकवादी संगठन इसलामिक स्टेट (आईएस) के मुखिया अबू बकर अल-बग़दादी को अमेरिका ने मार गिराया है। अमेरिकी सेनाओं ने बग़दादी को मारने के लिए सीरिया में आधी रात को उसके परिसर पर हमला किया। ट्रंप ने भी ख़ुद सामने आकर इसका एलान किया है। आइए, जानते हैं कि अमेरिका ने कैसे बग़दादी को मारे जाने के ऑपरेशन को अंजाम दिया। बग़दादी के ऑपरेशन को अंजाम देने की पूरी कहानी ख़ुद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को बताई।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने एक महीने पहले बग़दादी के ठिकानों की ख़ुफ़िया जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी थी और उसे इसमें कुर्दों की ओर से भी कुछ अहम जानकारी मिली थी। अमेरिका के ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारियों ने दो हफ़्ते पहले ही बग़दादी कहाँ है, उसकी एक़दम सही स्थिति का पता लगा लिया था जबकि बग़दादी को मारने की इस पूरी योजना के बारे में ट्रंप को तीन दिन पहले बताया गया।
ट्रंप और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन के अनुसार, बग़दादी को मारने की योजना को अंजाम देने के तहत अमेरिका को रूस, इराक और तुर्की से उनके हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए अनुमति लेनी थी। ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस ने रूस को इस ऑपरेशन के बारे में तो नहीं बताया लेकिन रूसी अधिकारियों से यह ज़रूर कहा था कि वे इस कार्रवाई को पसंद करेंगे।
शनिवार को शाम 4:30 बजे (सीरिया में रात के 10:30 बजे) ट्रंप व्हाइट हाउस पहुँचे और 5 बजे उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस, रक्षा सचिव मार्क एस्पार, रॉबर्ट ओ ब्रायन और कुछ अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इस पूरे ऑपरेशन को लाइव देखा यानी उसी तरह देखा जैसे कि आप कोई मूवी देख रहे हों। ट्रंप के मुताबिक़, इसके बाद अमेरिकी सेना के जवानों और प्रशिक्षित कुत्तों को 8 हैलीकॉप्टर्स के जरिये मध्य-पूर्व के किसी सैन्य ठिकाने पर उतारा गया। ये जवान अमेरिका की विशेष डेल्टा फ़ोर्स के जवान थे।
एक अमेरिकी अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि पश्चिमी इराक़ के एक ठिकाने से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। ट्रंप ने कहा, ‘सीरिया के इदलिब में अमेरिकी सेना के और विमान भी थे। बग़दादी के परिसर में घुसते ही अमेरिकी सेना के हैलीकॉप्टर्स पर गोलियां बरसनी शुरू हो गईं लेकिन अमेरिकी बलों ने भी इसका जोरदार जवाब दिया और बग़दादी के परिसर में हैलीकॉप्टर्स को उतार दिया।’
अमेरिकी डेल्टा फ़ोर्स के जवानों को इस बात का डर था कि कहीं परिसर में विस्फोटक न रखे हों इसलिए उन्होंने परिसर की दीवार को ही उड़ा दिया। अमेरिकी जवानों ने तुरंत परिसर को खाली कराया और चेतावनी दी कि या तो वहां मौजूद लोग सरेंडर कर दें वरना उन्हें गोली मार दी जायेगी।
ट्रंप ने कहा कि बिना नुक़सान पहुंचाये 11 बच्चों को परिसर से बाहर निकाल लिया गया और उन्हें सुरक्षा में भेज दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी जवानों ने आईएस के कई लड़ाकों को बंधक बना लिया और बाद में उन्हें जेल में डाल दिया।
बच्चों के साथ भागा बग़दादी
अमेरिकी जवानों से ख़ुद को घिरता देख बग़दादी अपने तीन बच्चों के साथ एक सुरंग की ओर भागा।रक्षा सचिव मार्क एस्पार ने बताया कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने बग़दादी से सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन इस ख़ूंखार आतंकवादी ने इससे इनकार कर दिया।
बग़दादी ने ख़ुद को उड़ाया
ट्रंप के मुताबिक़, ‘अमेरिकी सेना के द्वारा प्रशिक्षित कुत्तों ने बग़दादी का पीछा किया लेकिन इसके बाद बग़दादी के चीखने और चिल्लाने की आवाज़ आई। इस आतंकवादी ने ख़ुद को और बच्चों को अपने शरीर में लगे बम से उड़ा दिया। इसमें सेना के किसी जवान को तो चोट नहीं आई लेकिन एक कुत्ता बुरी तरह घायल हो गया।’
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शरीर के हुए चिथड़े, की जाँच
ट्रंप ने कहा कि धमाके में बग़दादी के शरीर के चिथड़े हो चुके थे। अमेरिकी सेना के जवानों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मारा गया शख़्स बग़दादी ही है, घटनास्थल पर ही 15 मिनट के भीतर शव के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि टेस्ट में यह साबित हो गया कि वह बग़दादी ही था। इसके बाद अमेरिकी सेना के जवानों ने व्हाइट हाउस को ख़बर दी कि '100 पर्सेंट कॉन्फिडेंस जैकपॉट।'
इसके बाद जवानों ने परिसर में तलाशी भी ली और आईएस से जुड़ी कई अहम चीजें जब्त की। अमेरिकी सेना के जवान दो घंटे तक वहां रहे। ओ ब्रायन ने कहा कि बग़दादी के शव का रीति-रिवाजों के मुताबिक़ ही अंतिम संस्कार किया जायेगा, जैसा 2011 में ओसामा बिन लादेन के शव के साथ किया गया था।
'कुत्ते की मौत मारा गया'
ट्रंप ने रविवार को जब बग़दादी की मौत के बारे में बताया था तो कहा था कि वह कुत्ते की मौत और डरपोक इंसान की तरह मारा गया। ट्रंप ने यह भी कहा कि दुनिया अब सुरक्षित है। इससे पहले भी बग़दादी के मरने की ख़बरें आई थीं लेकिन इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं मिल पाई थी। इस बार ट्रंप ने ख़ुद ही इस पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया। बग़दादी और इसका संगठन आईएस निश्चित रूप से दुनिया का सबसे क्रूर संगठन है और बग़दादी के मारे जाने से दुनिया ने राहत की सांस ली है।
सीरिया में आतंकवादियों के ख़िलाफ़ चली लंबी लड़ाई में अमेरिका की नाटो सेना ने आतंकवादियों को हरा दिया था। कुछ साल पहले तक सीरिया और इराक़ के बड़े हिस्से पर आईएस का क़ब्जा था और यह संगठन तब काफ़ी मज़बूत हुआ करता था। लेकिन पहले इराक़ का मोसुल आईएस के हाथ से निकल गया था और 2017 में सीरिया के रक़्क़ा से भी इस संगठन को खदेड़ दिया गया था।
बग़दादी को मारे जाने की ख़बर ऐसे समय में आई है जब आईएस बहुत कमज़ोर हो चुका है। अमेरिका ने आईएस की कमर तोड़ दी है और कहा जाता है कि आईएस पूरी तरह ख़त्म हो चुका है। लेकिन बग़दादी की मौत के बाद भी दुनिया भर के देशों को आईएस की विचारधारा को कुचलने के लिए आतंकवाद के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई को जारी रखना होगा।
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