यूएस राष्ट्रपति ट्रम्प के बयान से भारत में 21 मिलियन डॉलर की मदद वाला विवाद और बढ़ने की उम्मीद है। ट्रम्प ने अपने ताजा बयान में भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन डॉलर की सहायता राशि में कटौती के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई देश के पास पर्याप्त पैसा है और वह भारी टैक्स लगाता है।
FLASH : U.S. President Donald Trump has slammed the $21 million allocated by USAID to boost voter turnout in India, calling it a “fraud.” Questioning the funding, he said, “Why are we giving $21 million to India? They have a lot more money.” He also criticized India’s high… pic.twitter.com/N7Yjn7bT6W
— The New Indian (@TheNewIndian_in) February 19, 2025
ट्रम्प ने कहा, "हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत ज्यादा पैसा है। हमारे संदर्भ में वे दुनिया के सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाले देशों में से एक हैं; हम वहां मुश्किल से प्रवेश कर पाते हैं क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मतदान को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन डॉलर देना कहां तक उचित है?"
उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भारत का बहुत सम्मान करते हैं, लेकिन यह देश (भारत) बहुत टैरिफ लगाता है और इंपोर्ट टैक्स भी अधिक रखता है। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले DOGE ने कई पहलों के लिए अमेरिकी सहायता रद्द कर दी, जिसमें भारत के चुनाव आयोग को मतदान को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन डॉलर का अनुदान भी शामिल है। भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस तरह की किसी यूएस मदद से इनकार किया है। उनका कहना है कि भारत सरकार के फंड से भारत में चुनाव होते हैं। मतदान बढ़ाने के लिए ऐसा कोई फंड किसी भी देश से न तो आता है और न ही लिया गया है।
DOGE ने 16 फरवरी को करदाता-वित्तपोषित कार्यक्रमों की एक सूची साझा की, जिनमें कटौती की सूचना दी गई है। इस सूची में भारत के अलावा बांग्लादेश में "राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने" के लिए 29 मिलियन डॉलर का अनुदान और नेपाल में "राजकोषीय संघवाद" और "जैव विविधता संरक्षण" के लिए 39 मिलियन डॉलर का अनुदान भी शामिल है। DOGE ने कहा कि सभी रद्द किए गए खर्च अनावश्यक व्यय में कटौती के व्यापक प्रयास का हिस्सा थे।
भारत में हंगामा
Someone tell this clown that in 2012, when ECI allegedly got this funding from USAID, the ruling party was Congress.
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) February 17, 2025
So, by his logic :
▪️Ruling party (Congress) was sabotaging its own electoral prospects by getting this so called ‘external interference’.
▪️And that the… pic.twitter.com/Xa92irSf29
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अमित मालवीय के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा, 'कोई इस जोकर को बताए कि 2012 में जब चुनाव आयोग को कथित तौर पर यूएसएआईडी से यह फंडिंग मिली थी, तब सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस थी। इसलिए, उसके तर्क से- सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) इस तथाकथित 'बाहरी हस्तक्षेप' को प्राप्त करके अपनी चुनावी संभावनाओं को नुक़सान पहुंचा रही थी। और विपक्ष (भाजपा) ने सोरोस/यूएसएआईडी के कारण 2014 का चुनाव जीता था।'
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