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ईरान पर हमला करने की योजना बना रहा इसराइल: लीक अमेरिकी दस्तावेज

क्या इसराइल ने अब ईरान पर हमले की तैयारी पूरी कर ली है? कम से कम बेहद गोपनीय अमेरिकी खुफिया दस्तावेज के आधार पर यही कहा जा रहा है। हमले की तैयारी से जुड़े दो दस्तावेज लीक हो गए हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दो अत्यधिक गोपनीय अमेरिकी खुफिया दस्तावेज 15 और 16 अक्टूबर को लीक हुए हैं। इनमें कथित तौर पर ईरान पर संभावित हमले के लिए इसराइल की सैन्य तैयारियों का खुलासा किया गया है। ये दोनों दस्तावेजों को टेलीग्राम पर ईरान समर्थक भावनाओं से जुड़े खातों द्वारा प्रसारित किया गया था। इसने इसराइल के सैन्य अभ्यासों को दिखाने वाली उपग्रह छवियों का विस्तृत विश्लेषण किया है। इसमें कहा गया है कि ये अभ्यास ईरान पर जवाबी हमले की तैयारी में लगते हैं। नेशनल जियोस्पेशियल-इंटेलिजेंस एजेंसी यानी एनजीए से प्राप्त ये दस्तावेज इसराइली सैन्य अभ्यासों और परिचालन तत्परता के बारे में जानकारी देते हैं। एनजीए अमेरिकी जासूसी उपग्रहों द्वारा जुटाई गई तस्वीरों और सूचनाओं का विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार है।

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ये दस्तावेज़ 1 अक्टूबर को ईरान के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में इसराइली सैन्य तैयारियों को दिखाते हैं। 'टॉप सीक्रेट' लेबल वाले संवेदनशील दस्तावेज़ कथित तौर पर 'फ़ाइव आइज़' खुफिया गठबंधन की पहुँच में थे, जिसमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं। हालाँकि, उन्हें मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम के ज़रिए ऑनलाइन लीक कर दिया गया। 

सीएनएन के अनुसार, 15 और 16 अक्टूबर के दस्तावेज़ों से अमेरिकी सरकार की इसराइल के सैन्य इरादों के बारे में गहरी चिंताएँ भी सामने आती हैं। साथ ही आगे भी तनाव बढ़ने की संभावना भी। एक दस्तावेज़ का शीर्षक है 'इसराइल: वायु सेना ईरान पर हमले की तैयारी जारी' और इसमें नियोजित ऑपरेशन के तत्वों का पूर्वाभ्यास करने वाले सैन्य अभ्यासों की जानकारी दी गई है। दूसरे दस्तावेज़ में ईरान से जवाबी हमलों की आशंका में इसराइल द्वारा अपने मिसाइल शस्त्रागार को फिर से तैनात करने की चर्चा की गई है।

अमेरिका की सरकार ने ईरान पर संभावित हमले के लिए इसराइल की सैन्य तैयारियों की जानकारी देने वाले खुफिया दस्तावेजों के लीक की जांच शुरू की है। एक अमेरिकी अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस को दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि की।
अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि दस्तावेज कैसे लीक हुए, क्या खुफिया समुदाय के किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किया गया या संभावित रूप से हैकिंग के माध्यम से। अधिकारी यह भी आकलन कर रहे हैं कि क्या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी लीक हुई है।

लीक हुए दस्तावेज ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आए हैं, जब अमेरिका इसराइल से हमास नेता याह्या सिनवार के खात्मे का लाभ उठाने और ग़ज़ा में युद्धविराम पर विचार करने का आग्रह कर रहा है। इसके साथ ही अमेरिका ने व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका के चलते लेबनान में सैन्य अभियान बढ़ाने के खिलाफ इसराइल को आगाह किया है।

बता दें कि एक अक्टूबर के हमले को लेकर इसराइल ने बदला लेने की चेतावनी दी है। मध्य पूर्व में एक अक्टूबर को तनाव तब और बढ़ गया जब ईरान ने इसराइल की ओर क़रीब 200 मिसाइलों की बौछार की। 

जैसे ही रॉकेट आसमान में तेज़ी से उड़े, इसराइली रक्षा प्रणालियों को आने वाले ख़तरे को रोकने के लिए तुरंत सक्रिय कर दिया गया। सेना के निर्देश के बाद इसराइली नागरिक बम शेल्टर की ओर भागे।

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मिसाइलों का यह हमला इसराइली सेना द्वारा यह कहे जाने के बाद हुआ कि उसने लेबनान में ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी अभियान शुरू किया। जमीनी अभियान शुरू किए जाने के इसराइल के दावे से एक सप्ताह के गहन हवाई हमलों के बाद संघर्ष और बढ़ गया।

इसराइल का जमीनी आक्रमण पेजर हमलों, दो सप्ताह के हवाई हमलों और पिछले सप्ताह हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद हुआ है। लेबनानी सरकार के अनुसार, गहन हवाई हमलों ने कई हिजबुल्लाह कमांडरों को खत्म कर दिया है, जबकि लगभग 1,000 नागरिकों की मौत हो गई है और दस लाख लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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