कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने कहा है कि "फाइव आइज देशों की खुफिया जानकारी" कनाडा को दी गई थी। जिसके आधार पर कनाडाई पीएम ने खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप निज्जर की हत्या में भारतीय "एजेंटों" का हाथ होने की बात कही थी। भारत-कनाडा संबंध इन दिनों बहुत तनावपूर्ण चल रहे हैं।
"फाइव आइज़" के सदस्य देशों में यूएस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड हैं। ये देश एक दूसरे से खुफिया जानकारी साझा करते हैं। यह जानकारी निगरानी और सिग्नल इंटेलिजेंस पर आधारित होती है।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कनाडा के सीटीवी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कोहेन ने कहा: "फाइव आइज़ देशों के बीच साझा खुफिया जानकारी के आधार पर ही कनाडा के प्रधानमंत्री ने बयान दिए।" यह इंटरव्यू कनाडा में रविवार को प्रसारित होने वाला है लेकिन चैनल ने अमेरिकी दूत के बयान शनिवार को ही जारी कर दिए।
कोहेन की यह टिप्पणी तब आई जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा था कि कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में अमेरिका "गहराई से चिंतित" है। वाशिंगटन इस मुद्दे पर कनाडा के साथ "बारीकी से तालमेल" कर रहा है और इसमें "जवाबदेही" देखना चाहता है।
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूयॉर्क पहुंच गए हैं। वहां वो अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते है, जहां इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। 26 सितंबर को यूएनजीए के संबोधन के बाद वह वाशिंगटन डीसी भी जाएंगे, जहां उनके अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों और मंत्रियों से मिलने की संभावना है।
कनाडा के पीएम ट्रूडो ने सोमवार, 18 सितंबर को पहला आरोप भारत पर लगाया था। ट्रूडो ने कनाडाई संसद में कहा था: “पिछले कई हफ्तों से कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।”
कोहेन ने सीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में यह साफ नहीं किया कि कनाडा को दी गई खुफिया जानकारी भारतीय राजनयिकों की निगरानी पर आधारित थीं या मानव इंटेलीजेंस पर आधारित थीं।
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इस खुफिया जानकारी के बाद ओटावा (कनाडा) और वाशिंगटन, डीसी (अमेरिका) के बीच "बहुत अधिक लिखा-पढ़ी" हुई।
- डेविड कोहेन, कनाडा में यूएस राजदूत, 23 सितंबर 2023 सोर्सः सीटीवी कनाडा
उन्होंने द वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट का खंडन करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें कहा गया था कि ट्रूडो के गंभीर आरोपों से कुछ हफ्ते पहले, कनाडा ने अमेरिका सहित अपने निकटतम सहयोगियों से सार्वजनिक रूप से हत्या की निंदा करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
कोहेन ने कहा, "आप मुझे अच्छी तरह से जानते हैं मुझे निजी राजनयिक बातचीत पर टिप्पणी करने की आदत नहीं है। देखिए, यह साझा खुफिया जानकारी का मामला था। कनाडा और यूएसए के बीच इस बारे में काफी बातचीत हुई और मुझे लगता है कि जहां तक मैं सहज हूं, यही है।"
कोहेन ने कहा कि अमेरिका ने "इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लिया है।"
उन्होंने कहा- “और, आप जानते हैं, अगर आरोप सच साबित हुए, तो यह संभावित रूप से नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का बहुत गंभीर उल्लंघन है। हमें लगता है कि इसकी तह तक जाना बहुत महत्वपूर्ण है।"
इस बीच, ओटावा में ट्रूडो ने कहा कि कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में "विश्वसनीय आरोपों" के सबूत भारत के साथ साझा किए थे। वह चाहता है कि भारत इस गंभीर मामले पर कनाडा के साथ "रचनात्मक सहयोग" करे।
भारत ने कनाडा के आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" बताते हुए खारिज कर दिया है। भारत ने कनाडा पर आरोप लगाया कि उसने खालिस्तान अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जिसके बारे में भारत ने कनाडा को सूचना दी थी। उसने निज्जर की हत्या पर कोई विशेष जानकारी साझा नहीं की। दोनों ही देश एक दूसरे के डिप्लोमेट को निष्कासित कर चुके हैं। इस घटनाक्रम के दौरान अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया बराबर कह रहे हैं. कि भारत इस मामले में कार्रवाई करे। अमेरिका का बयान लगातार कनाडा के आरोपों का समर्थन कर रहा है।
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