कनाडा में कोविड नियमों, वैक्सीन, मास्क आदि के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। हजारों लोग राजधानी ओटावा में जा पहुंचे हैं। उन्होंने वॉर मेमोरियल पर कब्जा कर लिया है और वहां नाच-गा रहे हैं। इन प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके परिवार ने देश की राजधानी को छोड़ दिया है और एक गुप्त स्थान पर चले गए हैं। कनाडा में सभी ट्रक ड्राइवरों के लिए कोरोना वैक्सीन आवश्यक कर दी गई है। इसके विरोध में कनाडा के ट्रक ड्राइवरों ने फ्रीडम कन्वॉय (आजादी का काफिला) निकाला और ओटावा पहुंच गए। लेकिन यह ट्रूडो सरकार के कोरोना वायरस नियमों के खिलाफ एक बड़े प्रदर्शन में बदल गया है।
कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने बताया कि हजारों ट्रक चालक और अन्य प्रदर्शनकारी शनिवार को राजधानी शहर में कोविड -19 वैक्सीन और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए एकत्रित हुए।
तमाम युवा अपने बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग लोगों के साथ थे। द ग्लोब एंड मेल अखबार के अनुसार, कुछ ने आक्रामक और अश्लीलता से भरे बयान दिए, जिनमें कनाडा के प्रधान मंत्री की तरफ संकेत था।
कुछ प्रदर्शनकारियों को प्रमुख युद्ध स्मारक पर नाचते हुए देखा गया, जिसकी कनाडा के शीर्ष सैनिक जनरल वेन आइरे और कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने निंदा की।
कड़ाके की ठंड की चेतावनी के बावजूद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के संसदीय परिसर में घुस जाने के बाद संभावित हिंसा को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है।
जनरल वेन आइरे ने लिखा है, "मैं प्रदर्शनकारियों को अज्ञात सैनिकों के मकबरे पर नृत्य करते हुए और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को अपवित्र करते हुए देखकर दुखी हूं। कनाडाई लोगों की पीढ़ियां हमारे अधिकारों के लिए लड़ी हैं और मर गई हैं। इस प्रदर्शन में शामिल लोगों को शर्म से सिर झुकाना चाहिए।"
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो परिवार के साथ अज्ञात स्थान पर गए।
अनीता आनंद ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि "आज हम जो व्यवहार देख रहे हैं वह निंदनीय है।"
उन्होंने कहा, "अज्ञात सैनिक का मकबरा और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हमारे देश के लिए पवित्र स्थल हैं। मैं सभी कनाडाई लोगों से आग्रह करती हूं कि वे उनके साथ सम्मान से पेश आएं, जो कनाडा के लिए लड़े और मारे गए।"
इस बीच, पुलिस ने कहा कि अभी करीब 10,000 लोगों के और पहुंचने की उम्मीद है।
शुक्रवार को, ट्रूडो ने मीडिया को बताया कि वह चिंतित थे कि विरोध हिंसक हो जाएगा। फ्रीडम कन्वॉय "कनाडाई लोगों के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।"
भारत के चंद लोगों का रवैया
कनाडा में हो रहे प्रदर्शन पर भारत में कुछ लोग सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। इसमें एक राजनीतिक दल का आईटी सेल भी शामिल है। ये लोग कनाडा के प्रदर्शन को भारत के किसान आंदोलन से जोड़कर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का मजाक उड़ा रहे हैं। इनका कहना था कि कनाडा के पीएम ने भारत में खालिस्तानी किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे थे। अब उन्हें खुद यह सब भुगतना पड़ेगा। कुछ लोगों ने इसे कनाडा के प्रधानमंत्री के कर्म से भी जोड़ दिया कि जैसा बोओगे, वैसा काटोगे। कुछ लोगों ने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया है। तमाम लोगों ने कनाडा के वीडियो भी शेयर किए हैं।
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