ब्रिक्स देशों के समूह में जल्द ही कुल 11 सदस्य देश होने वाले हैं। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में 6 नये देशों को सदस्य के रूप में शामिल करने की तैयारी की घोषणा हुई है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने गुरुवार को कहा कि ब्रिक्स देशों के समूह ने इस सप्ताह जोहान्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन में छह देशों- अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नया सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाले ब्रिक्स गुट के विस्तार पर बहस गुरुवार को जोहान्सबर्ग में समाप्त हो रहे तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के एजेंडे में शीर्ष पर है।
जबकि सभी ब्रिक्स सदस्यों ने सार्वजनिक रूप से ब्लॉक को बढ़ाने के लिए समर्थन व्यक्त किया है, नेताओं के बीच मतभेद यह था कि कितने सदस्य देश बढ़ाए जाएँ और कितनी जल्दी विस्तार किया जाए।
इसको लेकर रामफोसा ने जोहान्सबर्ग में कहा, 'ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया के पहले चरण पर हमारी आम सहमति है। हमने अर्जेंटीना गणराज्य, मिस्र के अरब गणराज्य, इथियोपिया के संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य, ईरान के इस्लामी गणराज्य, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।' उन्होंने कहा, 'सदस्यता पहली जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी।'
उन्होंने कहा, 'हम ब्रिक्स के साथ साझेदारी बनाने में अन्य देशों के हितों को महत्व देते हैं और हमने अपने विदेश मंत्रियों को ब्रिक्स साझेदारी मॉडल और संभावित देशों (जो समूह में शामिल होना चाहते हैं) की सूची को और विकसित करने का काम सौंपा है।'
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन किया है क्योंकि उसका मानना है कि नए सदस्यों के जुड़ने से समूह और मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा,
“
मुझे विश्वास है कि हम समूह के नए सदस्य देशों के साथ काम करके ब्रिक्स को नई गतिशीलता देने में सक्षम होंगे। इन सभी देशों के साथ भारत के बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
उन्होंने कहा, 'हमने ब्रिक्स के विस्तार का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे इस बहुध्रुवीय विश्व में अनेक देशों की आस्थाएं और मजबूत होंगी। मुझे खुशी है कि हमारी टीमें ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर सहमत हुई हैं।'
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