काबुल में स्थित गुरुद्वारा करते परवान पर शनिवार सुबह हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। आईएसआईएस ने कहा है कि उसने यह हमला भारत में पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणियों के जवाब में किया है।
बता दें कि गुरुद्वारे के परिसर में शनिवार सुबह दो बम धमाके हुए थे। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। मारे गए लोगों में एक सिख श्रद्धालु और एक तालिबान का लड़ाका शामिल था।
बम धमाकों में तालिबान के 3 लड़ाके भी घायल हो गए थे। धमाकों के वक्त गुरुद्वारे में कई श्रद्धालु मौजूद थे जिन्हें ऑपरेशन चलाकर वहां से निकाला गया।
बीजेपी के नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणियों के विरोध में भारत के कई राज्यों और बड़े शहरों में जोरदार हिंसक प्रदर्शन हो चुके हैं। इस मामले में कई इस्लामिक मुल्कों ने भी भारत के सामने विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने टिप्पणी करने वालों को फ्रिंज एलिमेंट करार दिया था।
गुरुद्वारे पर हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की थी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि अफगानिस्तान में रह रहे सिखों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पाकिस्तान ने भी इस हमले की मजम्मत की थी।
तालिबान की सरकार के आंतरिक मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों ने गुरुद्वारे पर विस्फोटकों से भरे एक वाहन के साथ हमला करने की कोशिश की लेकिन उनके गुरुद्वारे तक पहुंचने से पहले ही हमले को नाकाम कर दिया गया। इस दौरान आतंकवादियों और तालिबान लड़ाकों के बीच फायरिंग भी हुई। इससे पहले भी अफगानिस्तान में मार्च 2020 में इस गुरुद्वारे पर हमला हुआ था।
सिखों और हिंदुओं को ई-वीजा
हमले के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने हरकत में आते हुए 100 से ज्यादा सिखों और हिंदुओं को ई-वीजा दे दिया है। नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों के बाद इस्लामिक स्टेट ने एक वीडियो जारी कर हिंदुओं और सिखों पर हमले की चेतावनी दी थी।
इस साल अप्रैल में काबुल के पश्चिमी इलाके में स्थित एक स्कूल में तीन जोरदार धमाके हुए थे। स्कूल के आसपास शिया हजारा समुदाय की आबादी है। अफगानिस्तान में इससे पहले भी इस समुदाय के लोगों पर आतंकी हमले हो चुके हैं।
तालिबान ने पिछले साल जब अफगानिस्तान की हुकूमत संभाली थी तो उसने सभी की हिफाजत का दावा किया था लेकिन लगातार बम धमाकों से ऐसा लगता है कि वहां आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है।
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