कोरोना वायरस तेज़ी से फैलने के मामले में अमेरिका ने अब सबको पीछे छोड़ दिया है। यानी दुनिया में अब सबसे ज़्यादा इस वायरस के मरीज अमेरिका में हो गए हैं। 24 घंटे में 17166 नये मामले सामने आने के साथ ही अमेरिका में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 85 हज़ार से ज़्यादा हो गई है। मरने वालों की संख्या बढ़कर क़रीब 1300 हो गई है। यह पहली बार है कि चीन से भी ज़्यादा किसी देश में पॉजिटिव मामले आए हों। फ़िलहाल चीन में क़रीब 81 हज़ार पॉजिटिव केस आए हैं। चीन ने इस वायरस को नियंत्रित कर लिया है और वहाँ हर रोज़ अब सिर्फ़ 50-60 मामले सामने आ रहे हैं।
यह उस अमेरिका का हाल है जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है और उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था काफ़ी उम्दा मानी जाती है।
अमेरिका में कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने दो दिन पहले ही चेताया था कि यूरोप के बाद अब कोरोना महामारी का केंद्र अमेरिका हो सकता है। तब सबसे ज़्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों के मामले में चीन और इटली के बाद अमेरिका तीसरे नंबर पर पहुँचा था। पिछले एक हफ़्ते में वहाँ इन मामलों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है।
अमेरिका में स्थिति बिगड़ने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप निशाने पर हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ने इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए तेज़ी नहीं दिखाई और इस पूरे मामले में लचर रवैया अपनाया। आरोप ये भी लगाए जा रहे हैं कि चीन के बाद यूरोप के देशों में हालत बिगड़ने पर भी ट्रंप सरकार नहीं चेती और सख़्त क़दम नहीं उठाए गए। इसी कारण अब यह वायरस तेज़ी से फैल रहा है। पॉजिटिव मामले तो तेज़ी से बढ़े ही हैं, मौत के मामले भी हाल के दिनों में ज़्यादा आए हैं।
फ़िलहाल यूरोप इस महामारी का केंद्र है। यूरोप में इटली, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस में सबसे ज़्यादा मामले सामने आए। इटली में हालत बिगड़ने का ही नतीजा था कि डब्ल्यूएचओ ने क़रीब 15 दिन पहले कहा था कि कोरोना वायरस महामारी का केंद्र यूरोप हो गया है। पहले यह चीन में था। चीन ही वह देश है जिसके वुहान शहर में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। तब डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि हर रोज़ अब यूरोप में उतने पॉजिटिव केस आ रहे हैं जितने केस चीन में भी कभी नहीं आए थे। अब वैसी ही स्थिति अमेरिका में भी बनने लगी है।
दुनिया भर में कोरोना का वायरस तेज़ी से फैल रहा है और अब तक 5 लाख 31 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 24 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तीसरे स्थान पर इटली है और वहाँ क़रीब 80 हज़ार केस आए हैं। सबसे ज़्यादा मौत इटली में ही हुई है और संख्या 8200 से भी ज़्यादा हो गई है। स्पेन में 57 हज़ार और जर्मनी में 43 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए हैं।
भारत में भी कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले में अब काफ़ी ज़्यादा आने लगे हैं और यह संख्या अब 700 को छूने वाली है। गुरुवार को 88 नये मामले आए। अब तक 16 लोगों की इस वायरस से मौत हो गई है। सरकार ने हाल के दिनों में सख़्त क़दम उठाए हैं लेकिन लगता है इसका असर अब तक दिखना शुरू नहीं हुआ है। 24 मार्च को लॉकडाउन के बाद से हर रोज़ 50 से ज़्यादा ही मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दो दिनों में तो क़रीब पौने दो सौ मामले बढ़े हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि सिर्फ़ लॉकडाउन से इस वायरस को ख़त्म नहीं किया जा सकता है। इसे ख़त्म करने के लिए आक्रामक उपाए उठाने होंगे। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम ने कहा कि ऐसे मामलों को ढूँढना, अलग-थलग करना, जाँच करना और इसका निशान पता करना ही सबसे बढ़िया और सबसे तेज़ तरीक़ा है।
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