loader

अल क़ायदा ने जारी किया वीडियो, क्या जिंदा है ज़वाहिरी?

आतंकी संगठन अल क़ायदा ने अपने सरगना अयमान अल ज़वाहिरी का एक वीडियो जारी किया है। आतंकी संगठन ने दावा किया है कि इसमें सुनाई दे रही आवाज अल ज़वाहिरी की है। अल ज़वाहिरी के बारे में कहा गया था कि अगस्त 2022 में एक हमले में अमेरिका ने उसे मार गिराया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इसका ऐलान किया था। 

इस वीडियो के सामने आने से पहला सवाल यही खड़ा होता है कि क्या ज़वाहिरी जिंदा है?

साल 2020 में भी ज़वाहिरी के बारे में खबर आई थी कि उसकी मौत हो चुकी है लेकिन फिर यह पता चला कि वह जिंदा है। साल 2011 में अल क़ायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को भी अमेरिका ने मार गिराया था। 

ताज़ा ख़बरें

इस वीडियो रिकॉर्डिंग में कोई तारीख नहीं है और इसमें लिखी गई लाइनों से भी यह नहीं पता चलता है कि इस वीडियो को कब बनाया गया है। 

अल क़ायदा ने ज़वाहिरी के उत्तराधिकारी का नाम जारी नहीं किया था। लेकिन सैफ अल-अदेल, को इस पद का शीर्ष दावेदार माना जाता है। सैफ अल-अदेल मिस्र की स्पेशल फोर्स के पूर्व अफसर हैं और अल क़ायदा में भी ऊंचे ओहदे पर हैं। 

हिजाब विवाद में आया था वीडियो 

इस साल अप्रैल में कर्नाटक में चल रहे हिसाब विवाद को लेकर ज़वाहिरी का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में ज़वाहिरी ने भारतीय मुसलमानों से अपील की थी कि वह हिजाब मामले में आवाज उठाएं। 

अल क़ायदा की ओर से जारी किए गए 9 मिनट के वीडियो में ज़वाहिरी ने कर्नाटक में एक कॉलेज की छात्रा मुस्कान खान की तारीफ की थी। उसने मुस्कान को बहन बताया था। मुस्कान वही छात्रा है जिसने हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के जवाब में अल्लाह हू अकबर का नारा लगाया था।

दुनिया से और खबरें

ज़वाहिरी ने अपने वीडियो में उन देशों पर हमला किया था जिन्होंने हिजाब को बैन किया है। ज़वाहिरी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश पश्चिमी देशों के मददगार हैं।

साल 2019 में ज़वाहिरी ने एक वीडियो जारी कर आतंकवादियों से कहा था कि वे कश्मीर को न भूलें। उसने आतंकवादियों को हुक़्म दिया था कि वे जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और सरकार पर लगातार हमले करते रहें।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें