अलीबाबा की क्लाउड यूनिट ने ओपनएआई और मेटा के सबसे उन्नत एआई का जिक्र करते हुए अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट पर सूचना जारी की है। अलीबाबा ने कहा- "क्यूवेन 2.5-मैक्स ने जीपीटी-4ओ, डीपसीक-वी3 और लामा-3.1-405 बी से बेहतर प्रदर्शन किया है।" डीपसीक-आर 1 एआई मॉडल 20 जनवरी को रिलीज हुआ था और आने के साथ ही उसने अमेरिका की सिलिकॉन वैली को झटका दे दिया है। डीपसीक और अलीबाबा एआई की कम लागत ने निवेशकों को अब अमेरिका की बड़ी एआई कंपनियों में किए गये भारी खर्च पर सवाल उठाने को मजबूर कर दिया है।
डीपसीक के नए मॉडल आर1 के रिलीज होने के दो दिन बाद, टिकटॉक की मालिकाना कंपनी बाइटडांस ने अपने प्रमुख एआई मॉडल के लिए एक अपडेट जारी किया। जिसमें उसने एआईएमई में माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपनएआई के ओ1 से बेहतर प्रदर्शन का दावा किया। बाइटडांस ने डीपसीक के इस दावे को आगे बढ़ाया है कि उसके आर1 मॉडल ने कई प्रदर्शन स्टैंडर्ड पर ओपनएआई के ओ1 को टक्कर दी है।
डीपसीक के वी3 मॉडल से पहले डीपसीक-वी2 मई में आया था। उसके बाद से ही चीन में एआई मॉडल के लागत को लेकर मूल्य युद्ध (प्राइस वॉर) शुरू हो गया था। लेकिन तब उन खबरों और डीपसीक को कोई तवज्जो नहीं मिली। यह हकीकत है कि डीपसीक-वी2 ओपन-सोर्स था और जरूरत से ज्यादा सस्ता था। इसके बाद चीनी कंपनियों ने अपने एआई मॉडल के रेट घटा दिये। इसमें चीन सर्च इंजन कंपनी बैदू भी शामिल है।
डीपसीक के संस्थापक लियांग वेनफेंग ने जुलाई में एक इंटरव्यू में कहा था कि हमारे स्टार्टअप को प्राइस वॉर की "परवाह नहीं थी।" हमारा मुख्य लक्ष्य एजीआई (कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता) प्राप्त करना है। एजीआई का मतलब यह है कि यह एआई सिस्टम अधिकांश आर्थिक रूप से महंगे कामों में मनुष्य से आगे निकल जाता है।
यह बताना जरूरी है कि अलीबाबा जैसी बड़ी चीनी तकनीकी कंपनी में सैकड़ों हजारों कर्मचारी हैं। जबकि डीपसीक एक रिसर्च लैब है। इसमें मुख्य रूप से शीर्ष चीनी विश्वविद्यालयों के युवा स्नातक और डॉक्टरेट छात्र कार्यरत हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अलीबाबा जैसी बड़ी कंपनियों का खर्च ज्यादा है। ऐसे में वे किस तरह सस्ता एआई मॉडल बेच सकते हैं। जबकि डीपसीक महज स्टॉर्टअप है और रिसर्च लैब की तरह काम कर रहा है। देखना है कि चीन में बड़ी कंपनियां किस तरह इससे मुकाबला कर सकती हैं।
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