पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच कर सीबीआई को गुरुवार को सीबीआई
कोर्ट के स्पेशल जज ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए। जस्टिस अर्पण चटर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसी की चांच
प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया. इस मामले में की गई कार्रवाई कानून
के अनुसार नहीं थी। इस तरह की कार्रवाई उन्हें उच्च अधिकारियों को सूचित करने पर
मजबूर करेंगी।
जस्टिस अर्पण चटर्जी ने
कहा कि सीबीआई ने बिचौलिये सुब्रत सामंत रॉय को उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने के
बाद गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस चटर्जी ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि बंगाल स्वकूल
सेवा आयोग के पूर्व सलाहकार एसपी सिन्हा का नाम चार्चशीट में ही नहीं था लेकिन उन्हें
जेल में रखा गया।
रॉय के वकील बिप्लब
गोस्वामी ने अदालत को बताया कि सीबीआई ने सिन्हा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने
की प्रार्थना तक नहीं की थी।
जब केंद्रीय जांच एजेंसी
ने सिन्हा की हैंडराइटिंग सैंपल लेने के लिए अदालत की अनुमति मांगी, तो सिन्हा के वकील संजय दासगुप्ता ने कहा,
"सीबीआई की चार्चशीट के
अनुसार जांच एजेंसी को उनके निवास से लेकर उनके के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
अगर जांच एजेंसी ने उन्हें हिरासत में ही नहीं लिया है तो वह उनकी हैंडराइटिंग के
सैंपल की मांग कैसे कर सकती है?
वकीलों की दलीलें सुनने
के बाद जस्टिस चटर्जी ने जांच प्रक्रिया के पर सवाल उठाए। उन्होंने जांच अधिकारी से
यह भी पूछा कि सिन्हा के पास से जब्त किए गए दस्तावेजों को सुनवाई के दौरान पेश
किया जा सकता है?
पूर्व शिक्षा मंत्री
पार्थ चटर्जी ने 5 मिनट के लिए
बोलने की अनुमति मांगी, जिसके बाद
न्यायाधीश ने चटर्जी और कल्याणमय गांगुली सहित कई आरोपियों की सुनवाई 23 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
सीबीआई इस समय बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही है। इस मामले में बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित कई टीएमसी नेताओं को आरोपी बनाया गया है। इसमें शिक्षा मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर शिक्षकों की भर्तियां कीं।
अपनी राय बतायें