पश्चिमी बंगाल के चुनावी घमासान में फतेह हासिल करने के लिए बीजेपी ने रैलियां, दौरे, प्रचार पर तो पूरा जोर लगाया ही है, अपने सियासी रणबांकुरों को वीआईपी सुरक्षा देने में भी कोई कोताही नहीं की है। बंगाल में अब तक बीजेपी के 79 नेताओं को सुरक्षा दी जा चुकी है। इसमें पुराने और नए दोनों नेता शामिल हैं। बीते दो महीनों में बड़ी संख्या में टीएमसी के नेता पाला बदलकर बीजेपी में आए हैं और इन्हें सुरक्षा मिली है। इनमें शुभेंदु अधिकारी से लेकर राजीव बनर्जी भी सुरक्षा लेने वालों में शामिल हैं।
हिंसक झड़पें होना आम बात
पश्चिम बंगाल के चुनाव में बीजेपी और टीएमसी की ओर से जीत के लिए पूरी कशमकश जारी है। बीते कुछ सालों में बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी झड़पें होती रही हैं। इसमें दोनों ओर के कार्यकर्ताओं की जान गई है। बंगाल के पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में दोनों दलों के कार्यकर्ता लड़-भिड़ चुके हैं।
बीजेपी चूंकि केंद्र की सत्ता में है और गृह मंत्री अमित शाह का पूरा फ़ोकस बंगाल चुनाव पर है तो ऐसे में बीजेपी के नेताओं के लिए सुरक्षा हासिल करना आसान है।
बीजेपी के जिन नेताओं को वाई कैटेगरी की सुरक्षा मिली है, उनमें- जितेंद्र तिवारी, हिरेन्मय चट्टोपाध्याय, यश दासगुप्ता और श्रावंती चटर्जी का नाम शामिल है। सिनेमा की दुनिया से राजनीति में आने वालीं पायल सरकार को एक्स कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। इसके अलावा फ़िल्मी दुनिया के नामी चेहरे मिथुन चक्रवर्ती को वाई प्लस सुरक्षा मिली है।
इससे पहले क्रिकेटर से राजनेता बने अशोक डिंडा, बंसारी मैती, दीपाली बिस्वास, बैशाली डालमिया, सैकट पंजा, बिस्वजीत कुंडू को भी सुरक्षा दी जा चुकी है। इसके अलावा भी बीजेपी के कई नेता सुरक्षा के घेरे में चल रहे हैं।
कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन
सोमवार शाम को कोलकाता स्थित बीजेपी के दफ़्तर के बाहर हुए प्रदर्शन के बाद सभी नेताओं की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी बेहद सतर्क हैं। इस प्रदर्शन में बीजेपी के ही कार्यकर्ता शामिल थे जो इस बात से नाराज़ थे कि हाल ही में पार्टी में आए लोगों को टिकट दे दिया गया है जबकि पुराने लोगों की उपेक्षा की गई है। इन लोगों ने बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और सांसद अर्जुन सिंह को पार्टी दफ़्तर में जाने से रोकने की कोशिश की और दफ़्तर के बाहर तोड़फोड़ भी की।
स्वपन दासगुप्ता का इस्तीफ़ा
उधर, मंगलवार दिन में राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट दिए जाने के बाद से ही स्वपन दासगुप्ता सवालों का सामना कर रहे थे।
बीजेपी ने दासगुप्ता को हुगली जिले की तारकेश्वर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दासगुप्ता के नामांकन को लेकर सवाल उठाया था। मोइत्रा ने इस मामले में संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का हवाला दिया था।
बीजेपी ने स्वपन दासगुप्ता के अलावा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को टॉलीगंज विधानसभा सीट से, बांग्ला फ़िल्मों की अभिनेत्री व हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी को चुंचुड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। पश्चिम बंगाल के ही कूच बिहार से सांसद निशीथ प्रामाणिक को दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा गया है।
जाने माने अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी को अलीपुर दुआर से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा बीते दिनों तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी को डोमजूर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
8 चरणों में होगा मतदान
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा। 294 सीटों वाले बंगाल में पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण में 30 सीटों पर 1 अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा। नतीजे 2 मई को आएंगे।
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