ड्रग्स के मामले में पश्चिम बंगाल बीजेपी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। इसके साथ ही राज्य बीजेपी के अंदर की लड़ाई खुल कर सामने आ गई है। ड्रग्स के मामले में पकड़ी गई पामेला गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि पार्टी ने उन्हें फंसाया है, इसके लिए उनके पास पुख़्ता सबूत हैं। इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ता राकेश सिंह को गिरफ़्तार किया गया है।
राकेश सिंह पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नज़दीक समझे जाते हैं।
क्या कहना है पामेला का?
पामेला गोस्वामी के बयान पर पुलिस ने राज्य बीजेपी के राकेश सिंह को बर्द्धमान ज़िले के गलसी से गिरफ़्तार किया है। पामेला 90 ग्राम कोकेन के साथ पक़ड़ी गई थीं, उन्होंने पुलिस की पूछताछ के दौरान राकेश सिंह का नाम लिया था। पामेला गोस्वामी पश्चिम बंगाल भारतीय जनता युवा मोर्चा की महासचिव हैं।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने राकेश सिंह के दो बेटों को इस आधार पर गिरफ़्तार कर लिया है कि उन्होंने पुलिस के लोगों को अपने घर घुसने से रोका था। पुलिस के पास गिरफ़्तारी का वारंट नहीं था, जो उन्होंने बाद में दिखाया।
पामेला गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल बीजेपी के लोगों ने उन्हें ड्रग्स मामले में फंसा दिया है, वे निर्दोष हैं। उन्होंने एनडीटीवी से कहा,
“
“मुझे किसी मामले में फँसाने की कोशिश वे लंबे समय से कर रहे थे। राकेश सिंह ने यह किया है। मेरे पास बहुत जानकारी है। मेरे पास पुख़्ता सबूत है।”
पामेला गोस्वामी, महासचिव, पश्चिम बंगाल भारतीय जनता युवा मोर्चा
माइंड गेम!
कोलकाता पुलिस ने राकेश सिंह को ड्रग्स मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन उन्होंने कहा था कि वे ज़रूरी काम से दिल्ली जा रहे हैं और उनका वकील पुलिस से मिलेगा।
मंगलवार को जब पुलिस राकेश सिंह के कोलकाता स्थित घर पर पहुँची तो उनके बेटों ने पुलिस वालों को अंदर नहीं घुसने दिया और वारंट दिखाने को कहा। पुलिस वालों के पास गिरफ़्तारी वारंट नहीं था।
यह मामला उस दिन हुआ, जिस दिन केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी से कथित कोयला घोटाले में पूछताछ की।
समझा जाता है कि बीजेपी और टीएमसी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले ‘माइंड गेम’ खेल रही हैं और दोनों एक-दूसरे को किसी मामले में उलझा कर बैकफ़ुट पर धकेलना चाहती हैं।
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