केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर पीएम मोदी के प्रति नरम रुख अपनाने वाली टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के बयान पर उनकी पार्टी से महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया आई है, जिससे पता चलता है कि टीएमसी में मोदी पर ममता के बयान को लेकर सहमति नहीं है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने मंगलवार 20 सितंबर को कहा कि सिर्फ पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही अपने हालिया बयान के राजनीतिक महत्व की व्याख्या कर पाएंगी। उन्हीं से पूछिए।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सांसद सौगत रॉय ने कहा-विधानसभा में सोमवार को प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें कहा गया है कि सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। ममता बनर्जी ने कहा कि सीबीआई और ईडी के छापे पीएम मोदी के निर्देश पर नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल बीजेपी नेताओं के इशारे पर मारे जा रहे थे। केवल ममता ही कह सकती हैं कि उनके बयान का राजनीतिक महत्व क्या है जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग नहीं कर रहे हैं।
टीएमसी सांसद का बयान एक दिन बाद आया है। ममता ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी के "दुरुपयोग" के लिए केंद्र पर निशाना साधा, लेकिन कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने "ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कई उद्योगपति इन वजहों से देश छोड़कर चले गए गए हैं। सभी केंद्रीय एजेंसियां केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन हैं, जिसे अमित शाह संभालते हैं।
राज्य विधानसभा में एक बहस में भाग लेते हुए ममता ने ये बातें कहीं थी। राज्य विधानसभा में सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसियों की 'ज्यादतियों' के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा, कारोबारी देश छोड़कर भाग रहे हैं। वे सीबीआई और ईडी के डर और दुरुपयोग के कारण भाग रहे हैं। ... मेरा मानना है कि मोदी ने ऐसा नहीं किया है। आप में से बहुत से लोग नहीं जानते कि सीबीआई अब पीएमओ को रिपोर्ट नहीं करती है। यह गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है। कुछ बीजेपी नेता साजिश कर रहे हैं, और वे अक्सर 'निज़ाम पैलेस' जाते हैं।
केंद्र विरोधी इस प्रस्ताव को 189 मतों से पारित किया गया, जबकि 64 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
पश्चिम बंगाल सरकार का यह कदम ईडी द्वारा ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चल रही जांच के बीच आया है, जो राज्य में कोयला घोटाले के सिलसिले में जांच का सामना कर रहे हैं। अभिषेक पार्टी के नेता और सांसद भी हैं।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था, 'बीजेपी 2024 में जाएगी। जो गैस के गुब्बारे की तरह उड़ रहे हैं, वे समझेंगे।
उन्होंने उन नेताओं पर छापेमारी नहीं करने के लिए भी केंद्र की खिंचाई की, जो पहले विपक्ष में थे, लेकिन बीजेपी में शामिल हो गए थे।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार को बिना बताए वे सुबह तीन बजे एजेंसियां भेज रहे हैं। उन्होंने पूछा कि आपकी (बीजेपी) पार्टी में गए नेताओं के आवासों पर कितने छापे मारे गए हैं? उन्होंने बीजेपी को उनके परिवार के खिलाफ धन के दुरुपयोग के "एक भी आरोप" को साबित करने की चुनौती दी।
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