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ममता बनर्जी आरपार के मूड में हैं। बिल्कुल अमित शाह की पार्टी बीजेपी की तरह। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को चुनौती दी कि बीजेपी उन्हें गिरफ़्तार भी कर लेगी तो वह जेल से ही यह सुनिश्चित करेंगी कि तृणमूल की जीत हो। इसके साथ ही वह बीजेपी पर जमकर बरसीं। वह एक बड़ी सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रही थीं।
तृणमूल प्रमुख का यह तीखा हमला बधुवार को उस संदर्भ में आया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी उनकी पार्टी के विधायकों को ख़रीदने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यह ग़लतफहमी है कि बीजेपी चुनाव जीत सकती है और राज्य की सत्ता में आ सकती है।
ममता बनर्जी ने बीजेपी को 'झूठ का ढेर' और 'देश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप' क़रार दिया। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, ममता बनर्जी ने कहा, 'बीजेपी एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि झूठ का ढेर है। जब भी चुनाव आता है, वे टीएमसी नेताओं को डराने के लिए नारद (स्टिंग ऑपरेशन) और सारदा (घोटाला) का मुद्दा उठाते हैं।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं उन्हें बहुत स्पष्ट रूप से बता दूँ, मैं बीजेपी या उसकी एजेंसियों से नहीं डरती। यदि उनमें हिम्मत है तो वे मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं और मुझे सलाखों के पीछे डाल सकते हैं। मैं जेल से चुनाव लड़ूँगी और टीएमसी की जीत सुनिश्चित करूँगी।'
बीजेपी और तृणमूल एक-दूसरे के ख़िलाफ़ तीखी आलोचना करती रही हैं। इसका कारण यह है कि बीजेपी राज्य की सत्ता में अपनी पैठ बनानी चाहती है। इसके लिए बीजेपी राज्य में हिंदुओं की स्थिति का मुद्दा बना रही है। और तृणमूल को यह बर्दाश्त नहीं है।
हाल में राज्य में 'राजनीतिक हिंसा' भी बढ़ी है। इसको लेकर बीजेपी तृणमूल पर हमलावर रही है। जबकि तृणमूल का आरोप है कि बीजेपी के राज्य में आने से पहले ऐसे हालात नहीं थे।
ममता बनर्जी आरोप लगाती रही हैं कि बीजेपी राज्य में नफ़रत का माहौल बनाना चाहती है। उनका इशारा साफ़ है कि वह बीजेपी पर हिंदू-मुसलमान कर वोटों के ध्रुवीकरण का आरोप लगा रही हैं।
वैसे, बीजेपी और तृणमूल में विचारधारा अलग होने से खटास तो हमेशा से रही है लेकिन यह खटास और तब बढ़ गई जब पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाए थे। बाद में जब पश्चिम बंगाल में भी असम की तर्ज पर एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लाने की बात गृह मंत्री अमित शाह ने कही तो दोनों तरफ़ से हमले और तेज़ हो गए।
अमित शाह ने अवैध बाँग्लादेशियों का मुद्दा उछाला तो ममता बनर्जी की पार्टी ने कहा कि उनके राज्य की संस्कृति धार्मिक आधार पर बाँटने की नहीं रही है और लोग बीजेपी को खारिज कर देंगे। हालाँकि, इस बीच बीजेपी का राज्य में आधार मज़बूत होता हुआ जान पड़ता है।
अब जब राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं तो फिर से ममता बनर्जी अपने स्वभाव के अनुरूप आक्रामक नज़र आ रही हैं। बीजेपी के नेता तो आक्रामक हैं ही। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएँगे, यह आक्रामकता, तीखे हमले वाली ऐसी बयानबाज़ी और बढ़ते जाने के आसार हैं।
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