केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर बंगाल बीजेपी के सभी वॉट्सएप ग्रुप से बाहर निकल गए हैं। ऐसी अटकलें लग रही हैं कि शांतनु ठाकुर बीजेपी छोड़ सकते हैं। शांतनु ठाकुर ने हाल ही में राज्य बीजेपी में हुए बदलावों को लेकर नाराजगी जताई थी।
इंडिया टुडे के मुताबिक, मतुआ समुदाय से आने वाले ठाकुर और इस समुदाय के नेताओं को ऐसा लगता है कि बीजेपी में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।
राज्य बीजेपी में मतुआ समुदाय के किसी भी नेता को अहम जगह नहीं दी गई है।
मंगलवार को बीजेपी के 5 विधायकों मुकुट मणि अधिकारी, सुब्रता ठाकुर, अंबिका रॉय, अशोक कीर्तनिया और असीम सरकार ने राज्य में बीजेपी विधायकों के वॉट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया। ये सभी विधायक शांतनु ठाकुर से भी मिलने पहुंचे। इन नेताओं की मांग है कि मतुआ समुदाय के लोगों को राज्य बीजेपी में अहम जगह दी जाए।
बीते साल बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद से ही कई विधायकों और बड़े नेताओं ने बीजेपी छोड़ी है। इसमें केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो से लेकर मुकुल रॉय, राजीव बनर्जी सहित तमाम बड़े नेता शामिल हैं।
बोनगांव सीट से लोकसभा सांसद शांतनु ठाकुर मतुआ समुदाय के बड़े नेताओं में शुमार होते हैं। वह कई बार सीएए के लागू होने में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
निगम चुनाव में हार
कोलकाता नगर निगम चुनाव के नतीजों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के नेता चाहते हैं कि जिलों में होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व भी पार्टी की राज्य इकाई के पदाधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। लेकिन बावजूद इसके पार्टी नेताओं में असंतोष कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
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