loader

बंगाल: राजनीतिक नहीं, इंश्योरेंस के विवाद में हुई थी बंधु पाल की हत्या

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में घर में मृत मिले बंधु प्रकाश पाल और उनके परिवार की हत्या के मामले का पुलिस ने ख़ुलासा करने का दावा किया है। पुलिस ने इस मामले में मंगलवार को पाल के पूर्व पड़ोसी को गिरफ़्तार किया है। इस हत्याकांड के सामने आने के बाद से ही पाल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से उनका कार्यकर्ता बताया जा रहा था जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही थी। पाल की हत्या को लेकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने आ गए थे। बीजेपी ने इसे राजनीतिक हत्या बताया था जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इससे इनकार किया था। 8 अक्टूबर को पाल, उनकी पत्नी और उनके पांच साल के बेटे का शव घर में मिला था। 
बंगाल में पंचायत चुनाव, लोकसभा चुनाव के दौरान भी लगातार हिंसा की ख़बरें आई थीं। बीजेपी और तृणमूल दोनों एक-दूसरे पर उनके दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी अमित शाह के रोड शो में ख़ासा बवाल हुआ था।

पुलिस ने इस मामले में 20 साल के उत्पल बेहारा नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया है। पुलिस के मुताबिक़, बेहारा ने स्वीकार किया है कि उसने इंश्योरेंस पॉलिसी में पैसों को लेकर हुए विवाद की वजह से पाल, उसकी पत्नी और बेटे की हत्या की थी। पाल एक स्कूल में टीचर थे।

अंग्रेजी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़, मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मुकेश कुमार ने कहा, ‘उत्पल की पाल के साथ 11 साल की इंश्योरेंस पॉलिसी थी और इसका प्रीमियम 24,167 रुपये था। अभियुक्त ने बताया कि उसे पहले साल की रसीद तो मिली लेकिन दूसरे साल का प्रीमियम देने के बाद पाल ने इसकी रसीद नहीं दी।’ 

ताज़ा ख़बरें

'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़, एसपी ने कहा, ‘अभियुक्त के मुताबिक़, जब उसने पाल से उसके पैसे वापस मांगे तो पाल ने उसे गालियां दी थीं। अभियुक्त ने कहा कि इससे उसे बुरा लगा और उसने पाल को मारने का फ़ैसला किया। पाल की पत्नी और बेटे को इसलिए मारा क्योंकि वे उत्पल को जानते थे और उसके बारे में बता सकते थे।’ पुलिस उत्पल को आज ही अदालत में पेश कर 14 दिनों की हिरासत मांगेगी। 

'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़, पुलिस ने कहा, ‘उत्पल जियागंज इलाक़े में रहने वाली अपनी बहन के घर गया था और जियागंज में ही पाल भी रहते थे, उसने उसने घर के इलाक़े का दौरा किया था। उत्पल पूर्वी मिदनापुर जिले में मिस्त्री का काम करता था और दुर्गा पूजा के लिए घर आया था।’ पुलिस के मुताबिक़, वह अपने साथ हथियार भी लाया था। 

एसपी मुकेश कुमार ने कहा, ‘दशमी के दिन, रात 10.30 बजे उत्पल ने पाल को फ़ोन किया और कहा कि वह उसके घर आना चाहता है। उत्पल ने उसे घर के अंदर बुलाया क्योंकि उसके परिवार में सभी लोग उसे जानते थे। तभी उसने पाल पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद वह अगले कमरे में गया और पाल की गर्भवती पत्नी और उसके बेटे पर हमला कर दिया।’ 

एसपी ने कहा, ‘हमें हत्या के समय के दौरान उसके फ़ोन की लोकेशन जियागंज इलाक़े में ही मिली। लेकिन वह हमसे झूठ बोल रहा था कि वह सागरधी में था। पूछताछ के दौरान वह टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।’ एसपी ने कहा कि उत्पल ने दो जोड़ी कपड़े पहने थे और हत्या के बाद उसने एक जोड़ी कपड़े और हथियार को पाल के कमरे के पास ही छुपा दिया था। 

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, उत्पल के पिता माधब बेहरा ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोष है और वह ऐसा नहीं कर सकता। पिता ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से कहा था कि वह पैसे के मामलों में न पड़े लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी।
पाल के परिवार ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी। पाल के मामा बंधुकृष्ण ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि यह राजनीतिक हत्या है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें