बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं की हुंकार से गूंज रहे पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव से पहले पार्टी छोड़ रहे नेताओं के कारण परेशान दिख रही हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। शाह के इस दौरे में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छह विधायक और एक सांसद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
अगले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव बहुत दिलचस्प होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से भगवा फहराने की तैयारी में बीजेपी क्या बंगाल में कमल खिला सकेगी? यह बहुत मौजूँ सवाल है।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बग़ावत का झंडा उठाने वाले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शुभेंदु अधिकारी के अगले क़दम को लेकर स्थिति साफ नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले साल विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के सभी परिवारों को स्वास्थ्य साथी मेडिकल बीमा योजना के तहत शामिल करने का एलान किया है। चुनाव से पहले ममता का मास्टर स्ट्रोक?
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बागी तेवर दिखा रहे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने अब परिवहन मंत्री पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया है।
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को चुनौती दी कि बीजेपी उन्हें गिरफ़्तार भी कर लेगी तो वह जेल से ही यह सुनिश्चित करेंगी कि तृणमूल की जीत हो। वह एक बड़ी सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रही थीं।
बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड या हिंदू राष्ट्रवाद के मुकाबले के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बांग्ला राष्ट्रवाद को ही अपना हथियार बनाने का फ़ैसला किया है।
जिस पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर मुसलमानों के तुष्टिकरण का आरोप लगता है, जिस राज्य में हिन्दू-मुसलमान विभाजन की राजनीति अभी भी जड़ें नहीं जमा पाई है, वहां मुसलमानों की बात करने वाले असदउद्दीन ओवैसी क्या कहेंगे?
बिहार विधानसभा चुनाव में पाँच सीटें जीत कर सबको हैरत में डालने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) ने अब पश्चिम बंगाल का रुख किया है।
बिहार विधानसभा चुनावों में जीत के अगले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मौत के खेल’ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठोस संदेश देते हुए मिशन बंगाल की शुरुआत कर दी है।
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले तेज़ी से बढ़ रही राजनीतिक कटुता और घात-प्रतिघात के बीच क्या राज्य बीजेपी हिंसा का माहौल बनाना चाहती है? क्या वह पूरे राज्य में चुनाव के पहले आतंक का राज कायम करना चाहती है?