पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भवानीपुर से उपचुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वहाँ से मौजूदा तृणमूल कांग्रेस के विधायक शोभनदेव चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी नंदीग्राम से लड़ी थीं लेकिन बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं। अब चूँकि वह मुख्यमंत्री हैं तो इसका पद ग्रहण करने के छह महीने के अंदर उनको विधानसभा का सदस्य होना होगा।
भवानीपुर से विधायक शोभनदेव चटर्जी ने औपचारिक रूप से पश्चिम बंगाल विधानसभा स्पीकर विमान बंदोपाध्याय के सामने उनके कक्ष में अपना इस्तीफ़ा सौंपा। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर विधायक के रूप में निर्वाचित होना है। मैंने इस साल का चुनाव ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था। आज मैं इस सीट से इस्तीफा दे रहा हूँ ताकि वह भवानीपुर से निर्वाचित हो जाएँ।'
उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए विधानसभा स्पीकर विमान बंदोपाध्याय ने कहा, 'मैंने शोभनदेव चटर्जी से पूछा कि कहीं उन्होंने दबाव में तो इस्तीफा नहीं दिया। मैं उनके जवाब से संतुष्ट हूँ और उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।'
बता दें कि इससे पहले ममता बनर्जी भवानीपुर से ही चुनाव लड़ती रही हैं। उन्होंने 2011 और 2016 में यहीं से चुनाव जीता था। लेकिन इस बार चुनावी रणनीति के तहत उन्होंने अपना मतदान क्षेत्र बदल लिया और नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की। उनके सामने थे उनके ही पूर्व के सहयोगी शुभेंदु अधिकारी। वह चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे।
उन्होंने कहा था,
“
नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है, भवानीपुर मेरी छोटी बहन है... यदि संभव हो तो मैं दोनों जगह से लड़ूंगी। अगर मैं भवानीपुर से चुनाव लड़ने में असमर्थ हूँ, तो कोई और चुनाव लड़ेगा।
ममता बनर्जी, चुनाव से पहले का भाषण
चुनाव परिणामों के दौरान जबकि शुरू में यह बताया गया था कि ममता बनर्जी ने 1,200 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी, बाद में रिटर्निंग अधिकारी ने शुभेंदु अधिकारी को 1,956 मतों से विजेता घोषित कर दिया। बनर्जी ने नंदीग्राम परिणाम को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी।
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