पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगटुई गांव में आठ लोगों की हत्या के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर आईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह गुरुवार को गांव का दौरा करेंगी। विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह हत्याओं को सही नहीं ठहरा रही हैं, लेकिन ऐसी घटनाएँ यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अधिक होती हैं।
उन्होंने कहा- 'यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। हमने हाथरस में अपने प्रतिनिधिमंड को भेजा था, मगर गाँव में घुसने नहीं दिया गया था, लेकिन हम किसी को भी बीरभूम जाने से नहीं रोक रहे हैं।' ममता का यह बयान तब आया है जब विपक्षी दलों के कई नेताओं ने बुधवार को हिंसा वाले क्षेत्र का दौरा किया है।
इस घटना को लेकर ममता बनर्जी की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है। सोमवार शाम रामपुरहाट में टीएमसी से जुड़े एक उप प्रधान भादू शेख की हत्या के कुछ घंटे बाद बोगटुई गांव में आठ घरों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई। इसमें महिलाओं और बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए दावा किया है कि यह बंगाल में राजनीतिक हत्याओं की लंबी सूची में सबसे ताजा है। पार्टी ने ममता बनर्जी के इस्तीफे और केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है। पश्चिम बंगाल के नौ भाजपा सांसदों ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था।
'बहुत लोग चेहरा दिखने गए हैं...'
आलोचनाओं पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह गुरुवार को बोगटुई जाएँगी। उन्होंने कहा, 'मैं आज जाना चाहती थी लेकिन उनमें से बहुत से लोग अपना चेहरा दिखाने गए हैं, मैं तब तक नहीं जाऊंगी जब तक वे वहां हैं। मैंने सुना है कि वे लंगचा (एक प्रसिद्ध मिठाई) खाने के लिए आसनसोल में रुके हैं और रामपुरहाट जा रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वे कब लौटेंगे। क्योंकि मैं वहां उनके साथ नहीं लड़ना चाहती, इसलिए मैं कल जाऊंगी।'
इसे पश्चिम बंगाल की छवि खराब करने की साज़िश बताते हुए ममता ने कहा, 'राज्य सरकार कभी भी ऐसा रक्तपात नहीं चाहेगी। कभी नहीं चाहेंगे कि लोग मरें, मारे जाएं। सरकार बमबारी और झड़प नहीं चाहती। कौन करता है ये सब? यह उन लोगों द्वारा किया जाता है जो सरकार में नहीं हैं। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जब से मुझे घटना के बारे में पता चला तब से मैंने रामपुरहाट में कम से कम 50 कॉल किए हैं। एक एसआईटी का गठन किया गया।'
बता दें कि सीपीआई (एम) के स्टेट सेक्रेटरी मोहम्मद सलीम ने आज सुबह गांव का दौरा किया। लेफ़्ट फ्रंट के पूर्व अध्यक्ष बिमान बोस ने भी गांव जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कहकर रोक दिया कि घटना स्थल पर फोरेंसिक टीम काम कर रही है। उधर बीजेपी के 55 विधायकों का प्रतिनिधिमंडल कोलकाता से बस में रवाना हुआ।
रिपोर्ट है कि हिंसा के सिलसिले में अब तक कम से कम 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उसी दिन ग्यारह को गिरफ्तार किया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा, 'हम यह पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ कर रहे हैं कि क्या घटना में और लोग शामिल थे। कुछ आरोपी गांव से भाग गए हैं। हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।'
आज सुबह राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को तीन पन्नों के पत्र में यह कहने के लिए फटकार लगाई कि हिंसा के पीछे एक राजनीतिक साज़िश थी। उन्होंने यह भी कहा कि हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है।
अपनी राय बतायें