पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नेपाल जाने की इजाजत नहीं मिली है। विदेश मंत्रालय ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी है। इस वजह से ममता को अपना दौरा रद्द करना पड़ा है। ममता को 10 दिसंबर से शुरू होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नेपाल जाना था।
नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दल नेपाली कांग्रेस ने उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्यौता भेजा था। यह कार्यक्रम 12 दिसंबर तक होना था।
विदेश मंत्रालय के इस फ़ैसले पर टीएमसी ने तीख़ी प्रतिक्रिया दी है। टीएमसी ने कहा है कि यह बदले की राजनीति है।
टीएमसी ने कहा है कि देश की राजनीति में प्रमुख विपक्षी चेहरा होने के बाद भी ममता बनर्जी को एक कार्यक्रम में भाग लेने की इजाजत नहीं दी गई।
टीएमसी के नेता तापस राय ने कहा कि इससे पता चलता है कि बीजेपी चुनाव में हार के बाद बदला ले रही है और वह ममता बनर्जी की लोकप्रियता से जलती है। जबकि बीजेपी ने कहा है कि इसके पीछे कुछ वजह रही होगी वरना विदेश मंत्रालय ऐसा नहीं करता।
इससे पहले इस साल इटली के रोम में 6 व 7 अक्टूबर को होने वाले एक कार्यक्रम में जाने के लिए भी ममता बनर्जी को इजाजत नहीं दी गई थी। 2018 में शिकागो में एक कार्यक्रम में ममता को जाना था लेकिन तब भी यही हुआ था। इजाजत न मिलने की वजह से ममता को अपना चीन जाने का एक दौरा भी रद्द करना पड़ा था।
बढ़ रही अदावत
टीएमसी और ममता बनर्जी के बीच सियासी अदावत बीते कुछ सालों में बढ़ी है। बीजेपी और संघ परिवार के पूरा जोर लगाने के बाद भी ममता ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह शिकस्त दी थी। हार के बाद बीजेपी के कई नेता टीएमसी में चले गए थे। इसके बाद हालिया उपचुनावों में भी ममता ने बीजेपी को धूल चटा दी थी। बंगाल में होने जा रहे निकाय चुनाव में एक बार फिर दोनों दल आमने-सामने हैं।
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