इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी है। संदीप घोष उस समय संस्थान के प्रमुख थे जब एक प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या-बलात्कार की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच चल रही है।
हाल ही में सीबीआई ने कई दिनों तक पूछताछ के बाद घोष के कोलकाता स्थित घर की 11 घंटे तक गहन तलाशी ली थी और बहुत सारे साक्ष्य जब्त करने का दावा किया था। सीबीआई अब तक डॉ. घोष से लगभग 90 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है।
डॉ. संदीप घोष पर यह कार्रवाई मेडिकल बॉडी की अनुशासन समिति द्वारा कोलकाता के अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को संज्ञान में लेने के बाद की गई।
आदेश में कहा गया है, 'आईएमए मुख्यालय की अनुशासन समिति ने सर्वसम्मति से आपको भारतीय चिकित्सा संघ की सदस्यता से तत्काल निलंबित करने का फैसला किया है।' आईएमए ने अपने निलंबन आदेश में पीड़िता के माता-पिता की स्थिति से निपटने में डॉ. संदीप घोष के खिलाफ शिकायतों के साथ-साथ मामले को ठीक से निपटाने में सहानुभूति और संवेदनशीलता की कमी का उल्लेख किया है।
एसोसिएशन ने आगे कहा कि उसकी बंगाल शाखा के साथ-साथ डॉक्टरों के कुछ संगठनों ने घोष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बलात्कार और हत्या मामले को लेकर विरोध जारी रहने के कारण कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई। घोष पर सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में वित्तीय अनियमितताओं में उनकी कथित संलिप्तता के लिए भी जांच की जा रही है।
केंद्र ने दिए राज्यों को निर्देश
कोलकाता की इस घटना को देखते हुए केंद्र ने राज्यों को कार्यस्थलों पर चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय सुझाते हुए पत्र लिखा है। अस्पताल परिसर में रात्रि गश्त जैसे सुझाए गए उपायों में शामिल हैं।
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