पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को एक्स पर एक लंबा चौड़ा बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने राजभवन के सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे उन पर लगे छेड़छाड़ के आरोपों के संबंध में कोलकाता पुलिस का कोई भी आदेश न माने। एक महिला कर्मचारी ने राज्यपाल आनंद बोस के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत की है। पश्चिम बंगाल राज्यपाल कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। राज्यपाल बोस इसी प्रोटोकॉल का फायदा उठा रहे हैं।
— Raj Bhavan Kolkata (@BengalGovernor) May 5, 2024
एक सरकारी महिला कर्मचारी ने राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। शिकायत पुलिस के पास आई तो उसने एक जांच दल गठित किया। पुलिस जांच टीम ने इससे पहले अपनी जांच के सिलसिले में राजभवन के तीन अधिकारियों और राज्यपाल के घर पर तैनात एक पुलिसकर्मी को तलब किया है। राज्यपाल ने आरोपों का खंडन करते हुए अब प्रोटोकॉल की आड़ ले ली है।
कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि "राजभवन का कोई भी अधिकारी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुआ। सिर्फ वहां तैनात पुलिसकर्मी ही आए। हम राजभवन के अधिकारियों को सोमवार 6 मई को फिर से हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन आने का अनुरोध करेंगे। फिलहाल पूछताछ की कोई योजना नहीं है। हम लोग जानकारी जुटा रहे हैं।”
राजभवन की महिला कर्मचारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। यह महिला राजभवन में कॉन्ट्रैक्ट पर है। राज्यपाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि "सच्चाई की जीत होगी," और वह "ऐसे प्रायोजित हमलों से डरेंगे नहीं।"
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