केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने लिखा: “पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में छापेमारी कर रही एक ईडी टीम को सामना करना पड़ा। टीएमसी नेता शाहजहां शेख के गांव में 100-200 ग्रामीणों के एक समूह ने हिंसक हमला किया। इस हमले की गंभीरता के जवाब में, एनआईए जांच की तत्काल जरूरत है।“
मजूमदार ने लिखा है- “उल्लेखनीय रूप से, कलकत्ता हाईकोर्ट जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की कि यह घटना एक संवैधानिक संकट है। जस्टिस ने राज्यपाल के हस्तक्षेप और राष्ट्रपति शासन लागू करने की वकालत की। संदेशखाली में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की भी जोरदार अपील की जा रही है।''
द टेलीग्राफ के मुताबिक हाईकोर्ट में, जब जस्टिस गंगोपाध्याय को वकील सुदीप्त दासगुप्ता ने घटना के बारे में बताया, तो उन्होंने टिप्पणी की, “मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो ईडी के अधिकारी कानून-व्यवस्था की स्थिति पर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।' जज ने कहा- वहां तो केंद्रीय बल के जवान रहे होंगे, क्या उनके पास बंदूक और गोलियां नहीं थीं, उन्होंने जवाबी कार्रवाई क्यों नहीं की।
भाजपा आईटी सेल के प्रभारी और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने लिखा: “शाहजहाँ शेख… सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं, जो बंगाल के गृह मंत्री भी हैं। ऐसी संभावना है कि जो लोग एजेंसी के अधिकारियों पर हमला करने आए थे, उनमें से कई अवैध प्रवासी हैं, जिन्हें स्थानीय टीएमसी नेताओं ने वोट बैंक के रूप में काम करने के लिए संरक्षण दिया है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार का बने रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा है।”
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दिल्ली में कहा कि बंगाल में पूरी तरह से "गुंडाराज" है। ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। ईडी अधिकारियों ने मदद के लिए पुलिस को भी बुलाया और कहा कि उन पर जानलेवा हमला हो रहा है... यह हिंसा किसके संरक्षण में हो रही है? यह ममता बनर्जी के संरक्षण में है।”
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