कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को कोलकाता में तब अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के ज़बरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा जब वह बंगाल सरकार का बचाव करने गए। उस केस की पश्चिम बंगाल में कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी द्वारा ही शुरुआत की गई थी जिन्होंने मेट्रो डेयरी के शेयरों की बिक्री कृषि-प्रसंस्करण फर्म केवेंटर को करने के तृणमूल कांग्रेस सरकार के फ़ैसले को चुनौत दी है। कांग्रेस नेता चिदंबरम इसी मामले में निजी कंपनी के एक वकील के तौर पर राज्य सरकार के फ़ैसले का बचाव करने गए थे।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध में भाग लेने वालों में से एक वकील कौस्तव बागची ने कहा कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एक ऐसी संस्था की ओर से पेश हो रहे थे, जिसके शेयरों की खरीद पर पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष द्वारा आपत्ति की जा रही है।
सोशल मीडिया पर आए वीडियो में देखा जा सकता है कि कई वकील चिदंबरम का पीछा करते हैं।
वे चिदंबरम को हेकल भी करते हैं। विरोध करने वाले वकीलों को यह कहते सुना जा सकता है कि कांग्रेस के पतन के लिए 'इस तरह का नेतृत्व ज़िम्मेदार है'। उस दौरान 'चिदंबरम वापस जाओ' के नारे भी सुने गए।
Protest at #CalcuttaHighCourt by Congress workers against #PChidambaram who appeared on behalf of Kaventers against whom Adhir Ranjan Chowdhury has filed a case.
— Sarthak I AM Subhash🇮🇳 (@jai_bhavani_IND) May 4, 2022
So the Congress leader chidambaram representing TMC against Loksabha LOP Adhir Ranjan.#MetroDiary #shameful pic.twitter.com/FaXMuSjbZS
कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने 'एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में' विरोध का नेतृत्व किया, न कि एक वकील के रूप में। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के हितों के ख़िलाफ़ काम करने वाले किसी भी नेता के साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे।
बता दें कि अधीर रंजन चौधरी की तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के साथ कड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। उन्होंने ही अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें इस मामले की जांच की मांग की गई थी। चौधरी के वकील बिकाश भट्टाचार्य ने दावा किया कि बिक्री राज्य के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। इधर अधीर चौधरी ने कहा कि विरोध कांग्रेस समर्थकों की 'स्वाभाविक प्रतिक्रिया' थी।
हालाँकि, उन्होंने किसी भी मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील के रूप में चिदंबरम के अधिकार को स्वीकार किया। पीटीआई से उन्होंने कहा, 'यह एक पेशेवर दुनिया है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है ... कोई भी उन्हें इसके लिए निर्देश नहीं दे सकता है।'
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