पश्चिम बंगाल में सोमवार को 4 नगर निगमों के नतीजों में टीएमसी ने बाकी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया। इन नगर निगमों के लिए शनिवार को मतदान हुआ था।
टीएमसी को विद्या नगर नगर निगम में 41 में से 39 सीटें मिली हैं जबकि बीजेपी और वामदल यहां पर खाता भी नहीं खोल सके। कांग्रेस को एक सीट मिली है और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ है। चंदन नगर की 32 में से 31 सीटों पर टीएमसी को जीत मिली है जबकि एक सीट पर सीपीएम जीती है। इसी तरह सिलीगुड़ी और आसनसोल में भी टीएमसी को बड़ी जीत हासिल हुई है।
चुनाव नतीजों में टीएमसी की आंधी के बाद पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर जश्न मनाने निकल पड़े जबकि विरोधी दलों के खेमों में जबरदस्त मायूसी दिखी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन नतीजों पर कहा है कि यह मां, माटी और मानुष की जीत है। उन्होंने इन नगर निगमों के लोगों का इस जीत के लिए आभार भी जताया है।
इससे पहले बीते साल हुए कोलकाता नगर निगम के चुनाव में भी टीएमसी ने बड़ी जीत दर्ज की थी। टीएमसी को कोलकाता निगम नगर निगम की 144 सीटों में से 134 सीटों पर जबकि बीजेपी को तीन लेफ्ट और कांग्रेस को दो-दो और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और वाम दलों को करारी शिकस्त देने वाली ममता बनर्जी की टीएमसी नगर निगम चुनाव में भी बढ़त बनाए रखेगी, ऐसा पहले से ही माना जा रहा था।
ममता की धमक बरकरार
राष्ट्रीय राजनीति में पैर पसारने की कोशिश कर रहीं ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की सभी 42 सीटों को जीतने की दिशा में काम कर रही हैं। इसके अलावा वह त्रिपुरा, गोवा और बाक़ी प्रदेशों में भी टीएमसी के विस्तार में जुटी हैं। हालांकि भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से उनकी नाराज़गी की चर्चाएं भी मीडिया के गलियारों में तैर रही हैं।
ममता की कोशिश ज़्यादा से ज़्यादा लोकसभा सीटें जीतकर कांग्रेस की जगह पर मुख्य विपक्षी दल बनने की है। नगर निगम के नतीजे इस बात को बताते हैं कि बंगाल में ममता की धमक बरकरार है।
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