राष्ट्रीय आंदोलन में हिंदुओं और मुसलमानों की भागीदारी कैसी हो, किस तरीक़े से मुसलमानों को राष्ट्रीय आंदोलन में साथ लेकर चला जाए? जानिए आज से 90 साल पहले प्रेमचंद ने ‘नवयुग’ शीर्षक से लेख में क्या लिखा था।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत से क्या यह संदेश जाता है कि भाजपा और संघ ने सामाजिक न्याय का जाप करने वाली पार्टियों को उन्हीं के मैदान में पछाड़ दिया है।
भगवान गणेश की कथा को ब्रह्मांड में पहली प्लास्टिक सर्जरी की घटना बताना या फिर सुश्रुत को पहला शल्य चिकित्सक बताना, क्या इन बातों के पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क है।
अग्निपथ योजना को लेकर नौजवानों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। क्यों वे इस योजना के पूरी तरह खिलाफ हैं?
बीजेपी की कश्मीर नीति किसके हित में है? कश्मीरी पंडितों के? मुसलमानों के? क्या वह कभी भी किसी के हित में रही? ताक़तवर दमनतंत्र के बावजूद कश्मीर में सामान्य जीवन क़ायम क्यों नहीं किया जा सका है?
बीजेपी प्रवक्ता ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर के लिए विवादित टिप्पणी की। क्या ऐसा मुसलमानों को अपमानित करने के लिए किया गया? अगर हां, तो फिर मुसलमान इसे लेकर नाराज़ क्यों न हों?
मध्य प्रदेश में भँवरलाल जैन की पीट-पीट कर हत्या क्यों की गई? इस शक में कि वह मुसलिम थे? क्या एक समुदाय विशेष से होना अपराध है? इस पर सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया कैसी है?
तमिलनाडु के मंत्री के पानी पूरी वाले बयान को लेकर एक बार फिर हिंदी को लेकर शोर हुआ है और लोग उनका विरोध कर रहे हैं। लेकिन क्या मंत्री का विरोध करने वालों ने उनके बयान को समझने की कोशिश की?
आशरीन सुल्ताना से शादी करने पर नागराजू की हत्या का मुसलिम समाज ने निंदा की। वे समर्थन में नहीं आए, बल्कि विरोध किया। लेकिन क्या अब नागराजु की हत्या का इस्तेमाल मुसलिम विरोधी नफ़रत के लिए नहीं किया जा रहा है?
क्या हिंदी को पूरे देश पर थोपने की कोशिश की जा रही है? क्या इस भाषा का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है? अगर ऐसा है तो यह निश्चित रूप से बेहद चिंता की बात है।
बीते दिनों कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं इसी ओर इशारा करती हैं कि समाज से सहानुभूति को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। भारत के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है।