मोरबी पुल हादसे की चीख-पुकार अभी शांत नहीं हुई है। इस हादसे के बाद भी आखिर क्यों ओरेवा कंपनी के मालिक, नगरपालिका के जन प्रतिनिधि, राज्य सरकार और बीजेपी नेता निश्चिंत हैं?
हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों का अलग-अलग फैसला सामने आया है। इस फैसले के बीच महात्मा गांधी के डरबन में अदालत जाने और यूरोपीय मैजिस्ट्रेट के द्वारा उनसे पगड़ी उतारने की बात वाले प्रसंग को याद करना जरूरी है।
2014 में 2 अक्टूबर को शुरू किया गया स्वच्छता अभियान क्या सिर्फ नाटक बनकर रह गया है? गाँधी के नाम पर झूठ और पाखंड करना उनकी स्मृति का सबसे बड़ा अपमान है।
गुजरात सरकार के द्वारा बिलकीस बानो के दोषियों को रिहा करने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन क्या प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ दी है और सबको जवाब दे दिया है।
राष्ट्रीय आंदोलन में हिंदुओं और मुसलमानों की भागीदारी कैसी हो, किस तरीक़े से मुसलमानों को राष्ट्रीय आंदोलन में साथ लेकर चला जाए? जानिए आज से 90 साल पहले प्रेमचंद ने ‘नवयुग’ शीर्षक से लेख में क्या लिखा था।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत से क्या यह संदेश जाता है कि भाजपा और संघ ने सामाजिक न्याय का जाप करने वाली पार्टियों को उन्हीं के मैदान में पछाड़ दिया है।