इजराइल और उसके सरपरस्त देशों की बातों और वादों पर हालांकि कोई भरोसा नहीं है लेकिन अगर हमास पांच दिनों के युद्धविराम पर राजी हो रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वो पीछे हट रहा है। हमास के पास खोने के लिए न पहले कुछ था और न अब कुछ है। दरअसल, इजराइल और उसके सरपरस्त देश एक चक्रव्यूह में फंस गए हैं। इजराइल से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों में सड़कों पर जनविरोध का सैलाब आ गया है और उनकी एक ही मांग है- युद्ध रोको। पढ़िए, स्तंभकार अपूर्वानंद कोः