अडानी समूह ने खुद को क्लीन चिट देने के लिए पूरा ज़ोर लगा लिया है। लेकिन शेयरों में गिरावट जारी है। उधर बाबा रामदेव की पतंजलि में भी गिरावट शुरू हो गई है। आखिर ये क्या संकेत देते हैं?
अडानी मामले पर विपक्ष हमलावर है । संसद फिर नहीं चली । सड़क पर कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है । उधर, शेयर बाज़ार में भी झटका लगता रहा ? क्या ये मोदी के लिये गले की हड्डी बन गया है ! आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, प्रिया सहगल, पूर्णिमा त्रिपाठी, राजीव रंजन सिंह और शिवकांत ।
मोदी सरकार अडानी कांड की जाँच क्यों नहीं करवाना चाहती है? क्या वह अडानी को बचाने के लिए जाँच से मुकर रही है? क्या वह डरी हुई है कि जाँच से और भी घोटाले सामने आ सकते हैं? बीजेपी और संघ परिवार विपक्षी दलों को बदनाम करने में क्यों लगे हुए हैं?
अडानी कांड पर भारी हंगामे और दस लाख करोड़ से ज्यादा स्वाहा होने के बाद भी सेबी कहां है? सूत्रों से खबर आई है कि सेबी विदेशी निवेशकों की शिनाख्त कर रहा है। लेकिन ऐसा कैसे हो पाएगा? इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट राजीव रंजन सिंह के साथ आलोक जोशी
संघ प्रमुख भागवत ने कहा था जातियां पंडितों ने बनाई है. विवाद हुआ तो अब सफाई आ रही है. पंडित का अर्थ विद्वान है. क्या यह सब दबाव में हुआ? आज की जनादेश चर्चा.
क्या अडानी कांड में साज़िश का शोर मोदी और उनकी सरकार को बचाने के लिए मचाया जा रहा है? साज़िश का शोर मचाने वाले कौन हैं? क्या अडानी को डुबाने के पीछे कोई साज़िश हो सकती है? अडानी के ख़िलाफ़ साज़िश कौन करेगा और क्यों करेगा? क्या हिंडनबर्ग रिसर्च शार्ट सेलर को अमेरिका ने अडानी के पीछे लगाया है?
अडानी पर राहुल गांधी लगातार तीखे हमले कर हैं । लेकिन जब से ये मामला सामने आया है तब के वो चुप हैं ? क्यों ? उधर सेबी ने पहली बार मुँह खोला है । वित्त मंत्री भी बोली लेकिन किसी ने अडानी का नाम नहीं लिया । क्यों ?
हिंडनबर्ग के परदाफ़ाश से अडानी का निजी नुक़सान भर हुआ है या देश का भी? अडानी कांड से अर्थव्यवस्था को कितनी क्षति पहुँची है? क्या अडानी ने देश की प्रतिष्ठा और अंतरराष्ट्रीय साख को भी धूमिल किया है? अगर इस नुक़सान के लिए अडानी जिम्मेदार है तो उसके ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
अडानी मामले में पहली बार बोली मोदी सरकार । लेकिन अभी भी चुप है प्रधानमंत्री मोदी ? विपक्ष फिर हमलावर । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अड़ानी अलग थलग पडे । क्या होगा असर इस संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ? क्या सरकार ने अड़ानी को अकेला छोड़ दिया ?
भारी पिटाई के बाद अडानी समूह के शेयरों में तेज़ी कैसे दिखी? क्या अडानी की मुश्किलें खत्म हो गई हैं? सरकार की सफाई के बाद क्या फिर बढ़ने लगेंगे कंपनी के शेयर? हिंडनबर्ग का असर पूरा हो गया? या पिक्चर अभी बाकी है?
अडानी की वजह से मुसीबत में फँस गयी है मोदी सरकार । संसद में विपक्ष का हंगामा । सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में जाँच या फिर जेपीसी जाँच की माँग की विपक्ष ? क्या सरकार मानेगी विपक्ष की माँग ? क्या मोदी सरकार की ये सबसे बड़ी मुसीबत है ?
गौतम अडानी के साम्राज्य की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। शेयरों में भारी गिरावट जारी है, लगभग 47% मार्केट कैप स्वाहा हो चुका है। अब अडानी ही नहीं सरकार भी दबाव में है। सवाल है कि यह अडानी के घोटाले का खुलासा है, अडानी पर हमला है या अडानी के बहाने निशाना कहीं और है?
क्या अडानी के ‘महाघोटाले’ को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेर लिया है? क्या वह मोदी और अडानी की दोस्ती को राष्ट्रीय मुद्दा बना पाएगा? क्या मोदी विपक्ष से कैसे निपटेंगे? क्या राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय दबाव में वे जाँच करने को बाध्य हो जाएंगे? क्या वे अपने ‘मित्र’ को बचाने की कोशिश करेंगे या फिर उसे डूबने देंगे?