ख़ुद को सांस्कृतिक संगठन कहने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रजभूषण शरण सिंह मामले में चुप क्यों है? मोहन भागवत भारत की बेटियों का शारीरिक शोषण करने वाले ब्रजभूषण के ख़िलाफ़ आवाज़ क्यों बुलंद नहीं करते? क्या देश के चरित्र निर्माण का संघ का दावा ढकोसला है? क्या उसने सत्ता के साथ समझौता कर लिया है? क्या मोदी के सामने उसकी नहीं चलती?
राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा तेज़ी से चल रही है। लेकिन अब उनके बयानों पर सवाल उठने लगे हैं। मुस्लिम लीग पर बयान हो या भारत में बोलने की आज़ादी पर। सवाल है कि क्या भारतवंशी यानी एनआरआई समुदाय भी अब राहुल की बात को ध्यान से सुनने लगे हैं?
क्या बृजभूषण को बचाने के चक्कर में मोदी फँसते जा रहे हैं? क्या महिला पहलवानों ने अपनी रणनीति से उन्हें घेर लिया है? खाप पंचायतों की एकजुटता क्या बीजेपी को सताने लगी है?
महिला पहलवानों ने मेडल गंगा में बहाने की घोषणा से हुई किरकिरी के बाद भी क्या मोदी-शाह ब्रजभूषण को बचाने में लगे रहेंगे? क्या ब्रजभूषण के खिलाफ़ मोदी के अहंकार की वज़ह से कार्रवाई नहीं हो रही है? अपने इस रवैये से वे अपनी और कितनी फ़ज़ीहत करवाएंगे? क्या सुप्रीम कोर्ट को अब खुद संज्ञान लेकर ब्रजभूषण की गिरफ़्तारी के आदेश नहीं देने चाहिए?
पहलवान बेटियों क्यों ये सोचने के लिये मजबूर हुई कि वो मेडल गंगा में प्रवाहित करेगी ? क्यों बीजेपी सरकार बृजभूषण को बचा रही है ? क्या है सरकार की मजबूरी ? क्या उसे बेटियों की चिंता हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में कविता कृष्णन, जगमती सांगवान, पुष्प���ंद्र चौधरी, उत्कर्ष सिन्हा, मनोज सिंह और राकेश सिन्हा ।
दिल्ली पुलिस द्वारा कल देश की महिला पहलवानों के साथ किया गया अमानवीय व्यवहार सरकार की पूरी उदासीनता को दर्शाता है। क्या यह "बेटी बचाओ" का उदाहरण है या डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की सुरक्षा का मतलब "बाहुबली बचाओ" है?
आख़िर मोदी सरकार ने पहलवानों पर बल प्रयोग क्यों किया? पहलवानों और किसान नेताओं को क्यों गिरफ़्तार क्यों किया? जंतरमंतर से विरोध कर रहे पहलवानों का कैंप क्यों उखाड़ा?
यूपी में योगी मोदी की घेरेबंदी को लेकर विपक्षी दल भी रणनीति बना रहें हैं. जानकारी के मुताबिक हर सीट पर साझा उम्मीदवार उतारा जा सकता है. आज की जनादेश चर्चा.
संसद का उद्घाटन का इतना विरोध क्यों कर रहा है विपक्ष ? क्या है उसकी रणनीति ? क्या ये महज़ बीजेपी की किरकिरी करने की कोशिश है या फिर आदिवासी वोटरों में भ्रम फैलाने का प्रयास ? क्या विपक्ष के चक्रव्यूह में फँस गयी बीजेपी और सरकार ? आशुतोष के साथ चर्चा संतोष भारतीय, प्रिया सहगल और विनोद अग्निहोत्री ।
मोदी जी की कलई खुल गई है। देश का जनमानस बदल रहा है। सबको समझ में आने लगा है कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दोगला चरित्र भी सबको पता चल गया है। ऐसे में अब सारा दारोमदार विपक्ष पर है। अगर विपक्ष एक हुआ तो मोदी जी सत्ता में नहीं रह पाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सोमपाल शास्त्री से डॉ. मुकेश कुमार की बातचीत-
क्या नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार क्यों ? क्या विपक्ष राजनीति कर रहा है या फिर प्रधानमंत्री पूरे मुद्दे को हाईजैक कर रहे हैं ? क्या राष्ट्रपति मुर्मू को नहीं बुलाना उनका अपमान है ? क्या राष्ट्रपति सिर्फ़ एक रबर स्टैंप हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में शरद गुप्ता, जावेद अंसारी, प्रेम कुमार, राजीव पांडे और पंकज श्रीवास्तव ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक ख़त्म हो गया है क्योंकि वह पैसे के बल पर खड़ा किया गया था। भारत की जनता ने उन्हें पहचान लिया है और वे अब उन्हें नहीं चुनेंगे। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भी अब नहीं चलेगा ये कर्नाटक ने दिखला दिया है। सन् 2024 बदलाव का वर्ष होगा। पूर्व वित्तमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा से डॉ. मुकेश कुमार की बातचीत-
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी न्यूज़ बुलेटिन। कर्नाटक: सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने ली शपथ। 2000 रु. के नोट बंद पर भिड़े केजरीवाल और धर्मेंद्र प्रधान
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई उसने रिपोर्ट दे दी है। कहा है कि अडानी के खिलाफ शेयर बाज़ार में धांधली के कोई सबूत नहीं मिले हैं? लेकिन क्या यह रिपोर्ट क्लीन चिट है? इसके बाद सेबी की जांच में कुछ और निकलेगा? क्या यह राजनीति कर रहे विपक्षी दलों के मुंह पर तमाचा है? या मोदी सरकार को बड़ा सहारा? आलोक जोशी के साथ राजीव रंजन सिंह और हर्षवर्धन त्रिपाठी