हलद्वानी के विरोध प्रदर्शन को सांप्रदायिक रंग क्यों दिया जा रहा है? क्या पचास हज़ार लोगों के उजड़ने को मानवीय त्रासदी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए? क्या हलद्वानी के सांप्रदायिकरण के पीछे राजनीतिक ताक़तें सक्रिय हैं?
राहुल गांधी की यात्रा को अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के साथ मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी अपना समर्थन दिया है. और संघ का नजरिया भी रखा है. इसका क्या अर्थ है समझेंगे आज की जनादेश चर्चा में.
भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ क्यों कर रहे हैं हिंदुत्ववादी? क्यों रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी और राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट के महासचिव राहुल गांधी की यात्रा की तारीफ कर रहे हैं? क्या इस तारीफ में कुछ छिपा हुआ है?
2023 में कैसे चलेगी देश की राजनीति? मोदी की बीजेपी का बड़ा संदेश क्या है? राहुल की यात्रा से क्या हासिल करेगी कॉंग्रेस? अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी पर क्यों रहनी चाहिए सबकी नज़र? आलोक जोशी के साथ प्रोफेसर अभय दुबे का पैना विश्लेषण।
क्या कश्मीर में बीजेपी का दाँव उलटा पड़ रहा है? कश्मीरी पंडित उसके ख़िलाफ़ आंदोलन क्यों कर रहे हैं? क्या जम्मू तबादला करने की उनकी माँग जायज़ है? क्या सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम साबित हुई है? उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का रवैया उन्हें और भी भड़का रहा है?
आखिर प्रियंका क्यों कह रही है कि अंबानी अडानी मेरे भाई को नहीं ख़रीद पाते ? क्यों राहुल बार बार दोनों उद्योगपतियों पर हमला करे रहे हैं ? क्या बदले की भावना से की गई कार्रवाई है? क्या कांग्रेस उद्योगपति विरोधी हो रही है ? क्या वो मनमोहन के आर्थिक सुधारों की दिशा को पलट रही है ?
राहुल गांधी की यात्रा आज दिल्ली से उत्तर प्रदेश की तरफ चल पड़ी है. पर यह यूपी को छूते हुए निकल रही है. वह यूपी जहां कांग्रेस सबसे ज्यादा कमजोर है. आज की जनादेश चर्चा
वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी बीजेपी में पूरी तरह से दरकिनार किए जा चुके हैं. वरुण गांधी के ताज़ा भाषणों के बोल भी राहुल गांधी से मिलते जुलते दिखाई दिए हैं. जिसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या वरुण गाँधी कांग्रेस में जाएंगे? आखिर वरुण गांधी के पास क्या विकल्प बचे हुए हैं?
पीएम पद के उम्मीदवार के लिए विपक्ष की तरफ राहुल गांधी के नाम पर सहमति बनाने का प्रयास शुरू होता नजर आ रहा है. नीतीश कुमार ने इस दिशा में पहल की है. आज की जनादेश चर्चा
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को 4-1 से सही ठहराया । लेकिन चर्चा हो रही है जस्टिस नागर्थना के विरोधी फ़ैसले की । क्यों ? क्या वाक़ई नोटबंदी सही थी ? क्या इससे वाकई जनता का भला हुआ ? अगर ऐसा है तो सरकार और बीजेपी चुनावों में इसका ज़िक्र क्यों नहीं करती ?
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को हरी झंडी दिखाई। लेकिन संविधान पीठ की एक जज ने उठाए गंभीर सवाल। अब राहुल गांधी को माफी मांग लेनी चाहिए? या नोटबंदी के सवाल पर मोदी सरकार अब भी उलझी हुई है?
वरुण गाँधी इतने आक्रामक क्यों हैं? क्या वे काँग्रेस में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं? वे मोदी सरकार और बीजेपी की नीतियों पर करारे हमले क्यों कर रहे हैं? क्या वे राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं? अगर वे कांग्रेस में शामिल होते हैं तो काँग्रेस को कितनी ताक़त मिलेगी?
सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के फैसले में नोटबंदी पर सरकार के फैसले को बरकरार रखा है: क्या शीर्ष अदालत ने राहत की सांस लेकर मोदी सरकार की मदद की है या लड़ाई अभी भी जारी है?
तीन जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश की ओर प्रस्तान करेगी। पिछले कुछ चुनावों से यहां कांग्रेस का राजनीतिक आधार सिकुड़ता हुआ दिखा है और प्रदेश के बड़े विपक्षी दल राहुल गांधी की इस यात्रा में शामिल होने को तैयार नहीं दिख रहे।
साल 2022 का राजनीतिक संदेश क्या है ? क्या बीजेपी अपराजेय है ? क्या मोदी को कोई नहीं हरा सकता ? या फिर राहुल ने नई लकीर खींच दी है ? मोदी के 56 इंच के सीने के सामने राहुल की टी-शर्ट खड़ी हो गयी है ?