हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया? यह बहुत ही गूढ़ प्रश्न है और उसका उत्तर पाना उतना ही जटिल भी है। प्रश्न है कि क्या पृथ्वी पर जीवन के लिए ज़रूरी तत्व पहले से उपलब्ध थे?
इश्तियाक़ पाकिस्तानी मूल के स्वीडिश नागरिक हैं जो स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र और इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं। विभूति नारायण राय के साथ गुफ्तगू हुई।
वर्षों से हो रही लगातार अवैध कटाई ने जहाँ मानवीय जीवन को प्रभावित किया है, वहीं असंतुलित मौसम चक्र को भी जन्म दिया है। वनों की अंधाधुंध कटाई होने के कारण देश के वन क्षेत्र का सिकुड़ना पर्यावरण की दृष्टि से बेहद चिंताजनक है।
कोविड की महामारी अमेरिका, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के देशों के बाद अब भारत में तबाही मचा रही है। इस पर काबू पाने के लिए भारत को भी अमेरिका, यूरोप और चीन की तरह टीकाकरण करना होगा।
प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल की नयी पुस्तक ‘कौन हैं भारत माता?’ पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सम्बंध में मिथकों को तोड़ने, सत्य को उभारने और प्रकाश को सही जगह डालने की भरपूर कोशिश की है।
गेंदालाल दीक्षित, क्रांतिकारी दल ‘मातृवेदी’ के कमांडर-इन-चीफ़ थे। 21 दिसम्बर अमर शहीद गेंदालाल दीक्षित की पुण्यतिथि और साल 2020 उनकी शहादत का सौवाँ साल है।
मोबाइल डेटा यानी यूज़र की जानकारी को लेकर दुनिया की दो दिग्गज कंपनियाँ फ़ेसबुक और एप्पल आमने-सामने हैं। वही डेटा जिस पर हममें से अधिकतर लोग ध्यान भी नहीं देते।
अमेरिका की रहने वाली एप्पल आईपैड यूज़र जेसिका जॉन्सन के खाते से क़रीब 16,000 डॉलर यानी 11 लाख रुपये कट गए। बिना उनकी जानकारी के यह सब हुआ। ये ट्रांजेक्शन जेसिका ने नहीं किए थे।
कोविड-19 के संक्रमण ने सारी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। हम इंसान भले ही अपने को धरती का सर्वश्रेष्ठ जीव मानते हों, मगर प्रकृति के लिए इंसान और मामूली कीड़े में कोई भी अंतर नहीं है।
हाल ही में चीन की स्पेस एजेंसी ‘सीएनएसए’ ने ‘चांग ए-5’ नामक एक स्पसेक्राफ्ट चाँद की ओर भेजा है। इस 20-25 दिवसीय मिशन के तहत चीन चाँद पर से मिट्टी और चट्टानों के सैंपल इकट्ठा करके धरती पर लाएगा।
इंग्लैंड की एक ख़बर भारत में इलेक्ट्रिक कार की संभावनाओं के द्वार खोल सकती है। इलेक्ट्रिक कार यानी डीजल-पेट्रोल की बेतहाशा बढ़ती क़ीमतों और ज़हरीले धुएँ से मुक्ति।
एनजीटी ने दिल्ली एनसीआर में दीवाली पर पटाखे पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और कई राज्यों में भी ऐसे ही प्रतिबंध लगे हैं। क्या बिना पटाखे-दीये के दीवाली का उत्सव मनाया जा सकता है?