भारंगम 2025 में ‘कर्ण’ नाटक का मंचन किया गया। इसमें महाभारत के प्रसिद्ध पात्र कर्ण की गाथा को प्रस्तुत किया गया है। पढ़िए, इस नाट्य प्रस्तुति की समीक्षा, रवींद्र त्रिपाठी की क़लम से...
एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अब आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) प्रौद्योगिकी के भविष्य को कैसे आकार दे रहा है। जानियेः
`बिदेसिया’ लोकनाटक नहीं है, एक आधुनिक नाटक है। रूसी लेखक अंतोन चेखव का लिखा `अंकल वान्या’ सर्वसम्मत रूप से आधुनिक नाटक है। पढ़िए, इनके मंचन की समीक्षा, रवींद्र त्रिपाठी की क़लम से...।
एलटीजी ऑडिटोरियम में जो नाटक मंचित हुआ वो हैमिल्टन के नाटक का हिंदी रूपांतर है। नाम वही है लेकिन रूपांतर बिल्कुल भारतीय परिवेश में किया गया। चार्ल्स शोभराज का मिथक बरकरार है!
उस्ताद अमजद अली खान मंच पर हों और वो कोई नया राग न छेड़ें या पुराने रागों में कोई प्रयोग न करें यह हो नहीं सकता। वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने उस्ताद का गाया राग दुर्गा सुना और यह शानदार रिपोर्ट बनाई। पढ़ियेः