देश में कोरोना संक्रमण के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच हरिद्वार में कुंभ मेले में लाखों लोग उमड़े हैं। हरिद्वार जिले में बीते दो दिन में कोरोना संक्रमण के 1000 से ज़्यादा मामले आ चुके हैं लेकिन राज्य की तीरथ सिंह रावत सरकार ख़ुद के बचाव में जुटी है। कुंभ मेले में उमड़ी लाखों की भीड़ संकेत देती है कि हालात और ख़राब हो सकते हैं।
महिलाओं की फटी जींस को लेकर दिए गए बयान के कारण चर्चा में आए तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि कुंभ मेले की तुलना बीते साल दिल्ली के मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए तब्लीगी जमात के धार्मिक आयोजन से नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे यहां कुंभ में 16 घाट हैं, कुंभ हरिद्वार में ही नहीं ऋषिकेश तक है। बहुत सारे घाटों में स्नान हो रहे हैं। स्नान अलग-अलग पार्ट में कराया जा रहा है। एक पेशवाई के बाद ही दूसरी पेशवाई स्नान के लिए आती है। यहां सब गंगा के पास हैं और इससे कोरोना नहीं फैलना चाहिए और तुलना का विषय ही नहीं उठता।”
रावत से निज़ामुद्दीन मरकज़ और कुंभ की तुलना को लेकर सवाल पूछा गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “कुंभ मेले में आए श्रद्धालु बाहर से नहीं आए हैं बल्कि ये यहीं के लोग हैं। जब मरकज़ का कार्यक्रम हुआ था तो कोरोना को लेकर इतनी जागरूकता नहीं थी और कोई गाइडलाइंस भी नहीं थी। अब कोरोना को लेकर काफी जागरूकता है और इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं।”
उन्होंने कहा, “कुंभ मेले के दौरान कोरोना की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन कराना ही हमारा लक्ष्य है। लोगों का स्वास्थ्य पहले है लेकिन आस्था को भी पूरी तरह दरकिनार नहीं किया जा सकता।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन हमने हालात से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए हैं। हरिद्वार में बुधवार को तीसरा शाही स्नान होना है। इसी बीच, उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 1,925 मामले सामने आए जो अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
मुख्यमंत्री शायद हालात की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू हो गयी तो फिर इसे संभालना बस के बाहर हो जाएगा। ऐसे में किसी भी तरह का आयोजन जिसमें लोग इकट्ठे हों, इस पर पूरी तरह पाबंदी होनी चाहिए क्योंकि हालात लॉकडाउन तक पहुंच चुके हैं और कोई हैरानी नहीं होगा कि देश भर में लॉकडाउन लगाना ही पड़ जाए।
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