पुष्कर सिंह धामी फिर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं। देहरादून में सोमवार शाम को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया। केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी विधायक दल की बैठक में मौजूद रहे। नेता चुने जाने के बाद धामी राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 70 सीटों वाले उत्तराखंड में 47 सीटों पर जीत मिली लेकिन उसके मुख्यमंत्री के चेहरे पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए। इस वजह से पार्टी यह तय नहीं कर पा रही थी कि किस नेता को इस पद पर बैठाया जाए। आखिरकार पार्टी ने धामी को ही इस पद पर बैठाया।
उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कौन हो, इसको लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बीते 10 दिनों में उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष से लेकर राज्य के सांसदों, बड़े नेताओं से रायशुमारी की थी।
खटीमा से हारे धामी
पुष्कर सिंह धामी को 2017 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री बनाया गया था। धामी को खटीमा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन कापड़ी से हार मिली थी। अब पुष्कर सिंह धामी को अगले 6 महीने के भीतर विधानसभा का चुनाव जीतना होगा।
धामी को विधायक दल का नेता चुने जाने के फैसले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पत्रकारों से कहा कि धामी ने अपने कार्यकाल में अपनी छाप छोड़ी है।
धामी के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उनके समर्थकों ने देहरादून में स्थित बीजेपी मुख्यालय में जमकर पटाखे फोड़े और नारेबाजी की। खटीमा में भी धामी के समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया। इस मौके पर देहरादून में बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा।
धामी को फिर से चुने जाने के पीछे यही वजह हो सकती है कि आलाकमान को यह लगा है कि इस युवा चेहरे को एक मौका और दिया जाना चाहिए।
ये थे दावेदार
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में पुष्कर सिंह धामी के अलावा पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के नाम चर्चा में थे।
कौन हैं पुष्कर सिंह धामी?
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र से आते हैं। उनका जन्म सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हुआ था लेकिन उनकी कर्मभूमि उधमसिंह नगर की खटीमा सीट है। 46 साल के युवा धामी लगातार दो बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। धामी को पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का क़रीबी माना जाता है।
धामी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति शुरू की थी और उसके बाद वह दो बार उत्तराखंड में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी ने जनहित में कई फ़ैसले लिए थे।
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