विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली है जबकि कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटों पर। बहुजन समाज पार्टी 2 सीटों पर जीती है जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को कामयाबी मिली है।
कांग्रेस इस बात पर नजर रख रही है कि बीजेपी उसके विधायकों में किसी तरह की तोड़फोड़ ना कर सके। इसलिए वह विधायकों को चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद राजस्थान शिफ्ट करने की तैयारी में है।
70 सीटों वाले उत्तराखंड में अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो निश्चित रूप से निर्दलीयों या अन्य दलों से जो विधायक जीतेंगे उनका रोल बेहद अहम हो जाएगा।
चुनाव खत्म होते ही उत्तराखंड बीजेपी में जंग छिड़ गई है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तमाम आरोपों से घिर गए हैं। एक विधायक ने उन पर सार्वजनिक रूप से पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाया है।
चुनाव आचार संहिता के मुताबिक , पोलिंग बूथ के आसपास किसी भी पार्टी के पोस्टर, झंडे, चुनाव चिन्ह या चुनाव प्रचार से जुड़ी अन्य कोई सामग्री को नहीं लाया जा सकता।
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण और उत्तराखंड व गोवा के लिए शनिवार को चुनाव प्रचार थम गया था और अब मतदाताओं की बारी है। क्या मतदाताओं की परीक्षा में बीजेपी पास कर पाएगी?
उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है लेकिन कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने भी मजबूत उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
हरिद्वार धर्म संसद आयोजित करने और मुसलमानों के जनसंहार की धमकी देने वाले यति नरसिंहानंद को सेशन कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है। जानिए और क्या हैं शर्तें।
राहुल गांधी किसान आंदोलन के दौरान खासे प्रभावित रहे उत्तराखंड के तराई वाले इलाके में पहुंचे थे। किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर और प्रदेश में भी काफी सक्रिय रही थी।