अल्मोड़ा जिले में हुई इस घटना में युवती के सौतेले पिता, भाई और मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
उत्तराखंड सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के अलावा विधानसभा में हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियां कब उत्तराखंड में जाकर भर्ती घोटालों के मामलों में कार्रवाई करेंगी?
अगर आने वाले कुछ दिनों तक उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में और हिमाचल में जबरदस्त बारिश जारी रही तो निश्चित रूप से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का 'हर घर तिरंगा' अभियान अब क्या इस स्तर पर पहुँच गया है कि लोगों की अब राष्ट्रवाद की परख इसके आधार पर होगी? जानिए उत्तराखंड बीजेपी प्रमुख ने तिरंगा नहीं दिखने वाले घर की तसवीर लेने को क्यों कहा।
खेती और किसानी पर नीति आयोग की बैठक में खूब बातें हुईं। उनकी आमदनी बढ़ने तक की बातें हुईं। बीजेपी शासित राज्यों ने किसानों की जिन्दगी बदलने के लिए सरकार की पीठ ठोंकी, पीएम मोदी को बधाई दी। लेकिन खेती और किसानी की हकीकत क्या है, क्या सचमुच आमदनी बढ़ी है, पढ़िए यह रिपोर्ट।
कांवड़ यात्रियों के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के बाद भी समूहों में बाइक रेस कैसे हो गई और इतनी मारपीट कैसे हो गई कि सेना के एक जवान की जान चली जाए?
उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों से कहा गया है कि सावन के अंतिम सोमवार 26 जुलाई को अपने इलाके के शिव मंदिर में जलाभिषेक करें। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर डालें।
दलित भोजन माता सुनीता देवी के हाथ का बना खाना खाने से सवर्ण समुदाय के बच्चों के द्वारा इनकार करने की घटना समाज में फैले जातिवाद के दंश को उजागर करती है।
क्या उत्तराखंड में ग़ैर हिंदुओं को चार धाम यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग का असर हो रहा है? आख़िर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने चार धाम यात्रा पर सत्यापन करने की बात क्यों कही है?
देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान क्या गढ़वाल मंडल के नेताओं को कोई तरजीह देता है और क्या उत्तराखंड कांग्रेस में आने वाले संभावित तूफान को वह शांत कर पाएगा।
बीजेपी हाईकमान को धामी से उम्मीद है कि उसे पिछली बार की तरह बार-बार मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बदलना पड़ेगा। देखना होगा कि क्या धामी पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस बारे में विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाएगी जो इस क़ानून को बनाने से जुड़ा ड्राफ्ट बनाएगी। बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समान नागरिक संहिता की वकालत करते रहे हैं।