खेती और किसानी पर नीति आयोग की बैठक में खूब बातें हुईं। उनकी आमदनी बढ़ने तक की बातें हुईं। बीजेपी शासित राज्यों ने किसानों की जिन्दगी बदलने के लिए सरकार की पीठ ठोंकी, पीएम मोदी को बधाई दी। लेकिन खेती और किसानी की हकीकत क्या है, क्या सचमुच आमदनी बढ़ी है, पढ़िए यह रिपोर्ट।
कांवड़ यात्रियों के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के बाद भी समूहों में बाइक रेस कैसे हो गई और इतनी मारपीट कैसे हो गई कि सेना के एक जवान की जान चली जाए?
उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों से कहा गया है कि सावन के अंतिम सोमवार 26 जुलाई को अपने इलाके के शिव मंदिर में जलाभिषेक करें। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर डालें।
दलित भोजन माता सुनीता देवी के हाथ का बना खाना खाने से सवर्ण समुदाय के बच्चों के द्वारा इनकार करने की घटना समाज में फैले जातिवाद के दंश को उजागर करती है।
क्या उत्तराखंड में ग़ैर हिंदुओं को चार धाम यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग का असर हो रहा है? आख़िर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने चार धाम यात्रा पर सत्यापन करने की बात क्यों कही है?
देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान क्या गढ़वाल मंडल के नेताओं को कोई तरजीह देता है और क्या उत्तराखंड कांग्रेस में आने वाले संभावित तूफान को वह शांत कर पाएगा।
बीजेपी हाईकमान को धामी से उम्मीद है कि उसे पिछली बार की तरह बार-बार मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बदलना पड़ेगा। देखना होगा कि क्या धामी पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस बारे में विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाएगी जो इस क़ानून को बनाने से जुड़ा ड्राफ्ट बनाएगी। बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समान नागरिक संहिता की वकालत करते रहे हैं।
उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कौन हो, इसको लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व बीते 10 दिनों में बीजेपी के बड़े नेताओं से रायशुमारी कर चुका है। आज इस बारे में फैसला होना है।
पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही धामी के अलावा सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, अनिल बलूनी, अजय भट्ट और रमेश पोखरियाल निशंक के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में रहे हैं।