उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में बीते 6 दिन से फंसे 40 मजदूरों को निकालने का प्रयास तेज कर दिया गया है। रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए देश और विदेश से कई एक्सपर्ट टीमें पहुंच चुकी हैं।
उत्तरकाशी में गुरुवार को पांचवें दिन भी सुरंग हादसे में कोई नई खबर नहीं है। अधिकारी सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि आखिर उम्मीद बंधाने के बावजूद अंदर फंसे 40 लोग बाहर क्यों नहीं आ पा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक दिन आए और उसके बाद मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने चले गए।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को एक निर्माणाधीन सुरंग ढह जाने से कम से कम 40 मजदूर फंस गए थे। लेकिन उन्हें अभी तक निकाला नहीं जा सका है। भूस्खलन ने बचाव और राहत का काम रोक दिया है।
उत्तराखंड की सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं। यह घोषणा उत्तरकाशी पुलिस ने सोमवार 13 नवंबर को की है। थोड़ी देर में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंच रहे हैं।
हिमाचल के साथ ही अब उत्तराखंड में भी भारी बारिश से काफ़ी नुक़सान की रिपोर्ट है। दोनों राज्यों में तीन दिनों तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जानिए, क्या है स्थिति।
उत्तराखंड में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक पुरुष ने अपनी पत्नी के 'लापता' होने की जानकारी देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जानिए, अब अदालत ने क्या फ़ैसला दिया।
उत्तराखंड के पुरोला में प्रशासन की सख्ती और धारा 144 लागू होने की वजह से दक्षिणपंथी संगठन महापंचायत नहीं कर सके। लेकिन कई जगह प्रदर्शन हुए। यह महापंचायत समुदाय विशेष के लोगों को शहर से निकालने के लिए बुलाई गई थी। हिन्दू संगठनों ने कहा है कि अब 25 जून को महापंचायत होगी।
उत्तराखंड के पुरोला में होने वाली महापंचायत पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। वहां धारा 144 लगा दी गई है। लेकिन विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल इसके आयोजन पर अड़े हुए हैं। यह महापंचायत पुरोला से मुस्लिम दुकानदारों और आबादी को निकालने के लिए आयोजित की जाने वाली है।
उत्तराखंड के पुरोला शहर में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ दक्षिणपंथी आख़िर क्यों नफ़रत उगल रहे हैं? जानिए, मुस्लिमों की दुकानों के बाद अब मुस्लिम किरायेदारों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने वाले कौन।
उत्तराखंड में धर्म के आधार पर निशाना बनाए जाने का मामला सामने आया है। यहाँ तक कि 15 जून से पहले दुकानें खाली करने की चेतावनी दी गई है। जानें ऐसी नफ़रत क्यों और क्या गुजर रही है मुस्लिम दुकानदारों पर।
महाराष्ट्र के कुछ मंदिरों की तर्ज पर उत्तराखंड के तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। उत्तराखंड के कुछ मंदिरों में तो पिछले महीने से ही सख्ती की जा रही है।