उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को एक और बयान देकर तूफ़ान खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दिनों में जो लोग अधिक राशन दिए जाने की बात करते हैं, उन्हें अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए थे।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाक़ात की है और थोड़ी देर बाद वह मीडिया से बात करेंगे।
उत्तराखंड क्रिकेट में वसीम जाफर को लेकर जो सांप्रदायिकता का विवाद खड़ा हुआ था वह अब एकाएक ख़त्म हो गया लगता है। और यह हुआ राज्य के क्रिकेट संघ के उन अधिकारियों के बयान से जिनके कथित बयान से यह विवाद खड़ा हुआ था।
उत्तराखंड क्रिकेट संघ में वसीम जाफर के के मामले में मौलवी के बुलाने के मामले में एक नया दावा किया गया है। उत्तराखंड क्रिकेट टीम के सदस्य इक़बाल अब्दुल्ला ने दावा किया है कि ड्रेसिंग रूम में मौलवी को बुलाने की टीम के मैनेजर ने अनुमति दी थी।
खेल में भी 'सांप्रदायिकता' का विवाद? सवाल अजीब है, लेकिन उत्तराखंड क्रिकेट में यही आरोप लग रहा है। यह विवाद भी तब खड़ा हुआ जब उत्तराखंड क्रिकेट के कोच पद से वसीम जाफर ने इस्तीफ़ा दिया।
चमोली या तपोवन-विष्णुगाड ही नहीं, पूरे हिमालय में भूकम्प का ख़तरा इसलिए भी ज़्यादा है कि शेष भू-भाग हिमालय को पाँच सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की रफ़्तार से उत्तर की तरफ धकेल रहा है। इसका मतलब कि हिमालय चलायमान है। हिमालय में हमेशा हलचल होती रहती है।
जून 2013 की भयंकर केदारनाथ आपदा के घाव भरे भी नहीं थे कि 7 फ़रवरी की सुबह हिमालय एक बार फिर ग़ुस्से में आ गया। चमोली में धौली गंगा और ऋषि गंगा इतनी कड़ाके की ठण्ड में ही विकराल हो उठी।
रविवार की सुबह उत्तराखंड में चमोली ज़िले के उच्च हिमालयी इलाक़े में मौजूद ऋषि गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ का सैलाब धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों तक हर तरफ तबाही के निशान छोड़ अब गुज़र चुका है।
क्या चमोली में आए हिमस्खलन की वजह महात्वाकांक्षी ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना है, जिसका विरोध स्थानीय लोगों ने 2005 में ही किया था? क्या इस परियोजना के लिए पहाड़ों को काटे जाने की वजह से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ा है और यह हिमस्खलन हुआ है?