मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड में जमकर कहर बरपाया है। नैनीताल ज़िले में बादल फटने की घटना हुई है। बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और राज्य में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों को बचाने के लिए सेना लगाई गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। प्रशासन लोगों की मदद में जुटा हुआ है।
दुनिया से कटा संपर्क
नैनीताल जिले के रामगढ़ में बादल फटा है और यहां कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। घायलों को निकालकर महफूज इलाक़ों में पहुंचाया गया है। कई जगहों पर पहाड़ गिरने की वजह से सड़कें बंद हो गयी हैं और नैनीताल का संपर्क दुनिया से कट गया है। कई जगहों पर रेलवे लाइनों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
नैनीताल जिले के कई इलाक़ों में पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। नैनीताल की माल रोड और नैना देवी मंदिर के तट पानी में डूब गए हैं। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि मंगलवार से बारिश की रफ़्तार कुछ कम होगी।
मौसम विभाग ने कहा है कि कुमाऊं इलाके के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है जबकि गढ़वाल में आने वाले दिनों में बारिश नहीं होने का अनुमान है।
कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिले पिथौरागढ़ में भी मूसलाधार बारिश के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ जिलों की सीमा पर पहाड़ दरक गया और इस वजह से लोग कई घंटों तक रास्ते में ही फंसे रहे। कुमाऊं मंडल के मैदानी इलाक़ों में भी जोरदार बारिश हो रही है।
गढ़वाल मंडल में भी कुछ लोगों की मौत हुई है। लगातार बारिश के कारण चारधाम यात्रा रोक दी गई है। बदरीनाथ-केदारनाथ हाईवे बाधित हो गया है, जिसे खोलने की कोशिश की जा रही है।
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