हरिद्वार में आयोजित हुई धर्म संसद में शामिल लोगों का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे हरिद्वार पुलिस के एक अफसर के साथ दिख रहे हैं। इसमें पुलिस अफसर इन लोगों के साथ ही हंसता हुआ दिखाई दे रहा है। हुआ यह है कि धर्म संसद में हिस्सा लेने वालों में से 5 लोग हरिद्वार पुलिस के पास एक एफआईआर दर्ज कराने गए थे।
इन लोगों की मांग थी कि ऐसे मौलानाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए जो हिंदुओं के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और इन्हें सजा दी जाए। हालांकि पुलिस ने कहा है कि एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
इस दौरान बातचीत का जो वीडियो सामने आया है उसमें दिख रहा है कि हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, अक्सर भड़काऊ बयानबाजी करने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती, पूजा शकुनि पांडे उर्फ साध्वी अन्नपूर्णा, आनंद स्वरूप और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण पुलिस थाने पहुंचे हैं।
इस दौरान साध्वी अन्नपूर्णा पुलिस अफसर राकेश कठैत से कहती हैं कि आप की ओर से यह संदेश जाना चाहिए कि आप पक्षपाती नहीं हैं। वह कहती हैं कि आप प्रशासनिक अधिकारी हैं और आप सब के प्रति बराबर हैं ऐसा संदेश जाना चाहिए। आगे वह कहती हैं कि आपकी सदैव जय हो।
इसके बाद यति नरसिंहानंद सरस्वती पुलिस अफसर से कहते हैं कि निष्पक्ष क्यों हमारा लड़का है हमारी तरफ होगा, और इसके बाद सभी लोग जोर का ठहाका लगाते हैं और पुलिस अफसर भी इसमें शामिल होते हैं।
इस वीडियो से पता चलता है कि पुलिस एक ऐसे आयोजन जिसमें किसी समुदाय के खिलाफ जहरीली बातें की गईं, उनके नरसंहार की बात की गई, ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के बजाय हंसी मजाक के मूड में है।
बीजेपी नेताओं के साथ हैं फ़ोटो
प्रबोधानंद गिरि की फोटो कई बीजेपी नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हैं।
प्रबोधानंद गिरि ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि उन्हें अपनी कही गई बातों को लेकर कोई शर्मिंदगी नहीं है और वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा था कि वह पुलिस से नहीं डरते।
गिरफ़्तारी क्यों नहीं?
हरिद्वार की धर्म संसद में कही गई जहरीली बातों के वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। बजाय इसके पुलिस ने कोई गिरफ़्तारी इस मामले में नहीं की है। सिर्फ एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें 3 लोगों के नाम हैं। ये लोग वसीम रिजवी, साध्वी अन्नपूर्णा और धर्म दास हैं।
सीजेआई को लिखी चिट्ठी
इस धर्म संसद और दिल्ली में आयोजित हुए एक कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 76 नामी वकील भी सीजेआई एनवी रमना को चिट्ठी लिख चुके हैं। वकीलों ने मांग की है कि इस कार्यक्रम का संज्ञान लिया जाए।
चिट्ठी में कहा गया है कि धर्म संसद और दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दिए गए भाषण न केवल भारत की एकता और अखंडता को गंभीर खतरा हैं बल्कि ये लाखों मुसलमानों की जिंदगियों को भी खतरे में डालते हैं।
हरिद्वार में धर्म संसद 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित हुई थी जबकि दिल्ली में यह कार्यक्रम 19 दिसंबर को हुआ था। इसमें भी नफरती बयानबाजी की गई थी।
दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया
धर्म संसद की भड़काऊ बयानबाजी के खिलाफ सेना और नेवी के पूर्व प्रमुख अपने गुस्से का इजहार कर चुके हैं। धर्म संसद के खिलाफ दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। दुनिया भर की नामचीन हस्तियों ने धर्म संसद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेशी अखबारों ने भी इस घटना को प्रमुखता से रिपोर्ट किया है।
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिर धर्म संसद में फैलाई गई नफरत के वीडियो उपलब्ध होने के बाद भी अभी तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है।
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