loader

योगी के एक फ़ैसले से 13 लाख कर्मचारियों के वेतन में कटौती का ख़तरा!

योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति घोषित करने को कहा है। कर्मचारियों को 31 अगस्त तक सरकारी पोर्टल 'मानव संपदा' पर अपनी चल और अचल संपत्ति घोषित करने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं होने पर कर्मचारियों को इसके नतीजे भुगतने होंगे। वेतन में कटौती करने की चेतावनी दी गई है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश का पालन न करने पर 13 लाख से अधिक कर्मचारियों को अपना वेतन खोने का ख़तरा है। ताज़ा आदेश में कहा गया है कि आदेश पालन न करने पर पदोन्नति भी प्रभावित होगी। 

ताज़ा ख़बरें

कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए पिछले साल अगस्त में आदेश जारी किया गया था। तब प्रारंभिक समय सीमा 31 दिसंबर तय की गई थी। आदेश में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के नियम-24 के अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी 31 दिसंबर 2023 तक अनिवार्य रूप से अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण दें। 

जब कर्मचारियों ने उस समय सीमा के भीतर अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया तो उसके बाद समय सीमा को कई बार बढ़ाया गया। पहले वह सीमा 30 जून तक बढ़ाई गई। और फिर 31 जुलाई तक। लेकिन इतने समय के बाद भी केवल 26 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही इसका अनुपालन किया। 

अब समय सीमा बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 17 लाख 88 हजार 429 सरकारी कर्मचारी हैं। इसमें से क़रीब 13 लाख कर्मचारियों ने अभी भी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।
पहले भी कई बार इसके लिए समयसीमा बढ़ाई जा चुकी है, लेकिन ताज़ा निर्देश उन लोगों के लिए अल्टीमेटम है जो विवरण नहीं दे पाए हैं।

अब सरकार ने 17 अगस्त के आदेश में कहा है कि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद संपत्ति का विवरण देने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। सरकार का कहना है कि मानव संपदा पोर्टल पर शुरुआत में आई दिक्कतों के कारण समयसीमा बढ़ाई गई। मुख्य सचिव ने आदेश में कहा है कि 31 अगस्त तक जानकारी नहीं देने वालों की सैलरी काटी जाए। ये आदेश सभी विभागों और जिलाधिकारियों को भेजा गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने साफ़ तौर पर कहा है कि 31 अगस्त तक संपत्ति का विवरण देने वालों को ही अगस्त महीने का वेतन दिया जाएगा, जबकि अन्य सभी का वेतन रोक दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

राज्य सरकार ने इस कदम को सही ठहराते हुए कहा है कि इससे पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही बढ़ेगी। मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, 'इस उपाय का उद्देश्य सरकार के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है।'

विपक्ष ने इस कदम की आलोचना की है और कहा है कि कई बार समयसीमा बढ़ाए जाने से पता चलता है कि राज्य सरकार अपने आदेश को लागू करने में विफल रही है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने कहा, 'उन्होंने इसे 2017 में क्यों नहीं लाया? अब योगी आदित्यनाथ सरकार बैकफुट पर है, इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं। उन्हें एहसास हो गया है कि उनके सभी कर्मचारी भ्रष्ट हैं। वे इसे लागू करने में सक्षम नहीं थे।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें