पूरे उत्तर प्रदेश में नागरिकता क़ानून के विरोध में हिंसा हो रही है। हिंसक भीड़ को रोक पाने में फ़ेल पुलिस ने कानपुर में 20 हज़ार लोगों और पूरे प्रदेश के अन्य हिस्सों में 4500 से ज़्यादा लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की है। सहारनपुर में 1500 लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। कानपुर में हुई हिंसा में अलग-अलग थानों में कुल 15 रिपोर्ट दर्ज हुई हैं और इसमें 20 हज़ार अज्ञात उपद्रवियों को अभियुक्त बनाया गया है।
अभियुक्तों पर बलवा, लूट, हत्या का प्रयास, 7 लॉ क्रिमिनल एमेंडमेंट एक्ट समेत अन्य संगीन धाराएं लगायी गयी हैं। कानपुर के कई हिस्सों में शनिवार को एक बार फिर हिंसा भड़की थी और यतीमखाना पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। यहां विधायक इरफ़ान सोलंकी को हिरासत में लेने की ख़बर से भीड़ और ज़्यादा उत्तेजित हो गयी। प्रदेश सरकार का कहना है कि अब तक 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 को गोली लगी है। हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से 405 कारतूस बरामद हुए हैं।
बुद्धिजीवियों को बताया बलवाई
गुरुवार को राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने लकीर पीटते हुए उपद्रवियों के नाम पर दर्जनों बुद्धजीवियों को गिरफ्तार कर उन्हें यातनाएं देना शुरू कर दिया है। लखनऊ में अंग्रेजी दैनिक ‘द हिन्दू’ के विशेष संवाददाता ओमर राशिद को शुक्रवार रात को हिरासत में ले लिया गया। ओमर के ख़ुद को पत्रकार बताने पर उन्हें बुरी तरह धमकाया गया और फ़ोन छीन लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें ख़ेद प्रकट करते हुए छोड़ दिया गया पर उनके साथी रॉबिन वर्मा को गिरफ्तार कर रखा गया है।
रिटायर्ड आईपीएस एस.आर. दारापुरी, कलम नाट्य मंच के दीपक मिश्रा उर्फ दीपक कबीर, सामाजिक कार्यकर्ता व फिल्मी अदाकार सदफ ज़फर, वकील मो. शुएब, शिक्षक डॉ. पवन को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर कौन सी धाराएँ लगायी गयी हैं और इन्हें कहां रखा गया है, इसकी जानकारी उनके घरवालों को भी नहीं दी गयी है। शुक्रवार को भी लखनऊ पुलिस ने जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) की व मेधा पाटकर की सहयोगी रही अरुंधती धुरु, सामाजिक कार्यकर्ता माधवी कुकरेज सहित कई अन्य को हिरासत में ले लिया गया था।
सोशल मीडिया पर विरोध: 102 गिरफ्तार
प्रदेश सरकार ने बताया है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर की गई आपत्तिजनक, भ्रामक व भड़काऊ पोस्टों के सिलसिले में अब तक 63 मुक़दमे लिखे गए हैं जबकि 102 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदेश सरकार सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर कड़ी निगरानी रख रही है। कुल 14101 सोशल मीडिया पोस्टों को लेकर कार्रवाई की गयी है। इनमें 7995 फ़ेसबुक, 5965 ट्विटर व बाक़ी अन्य पर हैं।
राजधानी में फ़ेसबुक लाइव करने पर भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। राजधानी से लेकर कई शहरों में फ़ेसबुक व ट्विटर पर नागरिकता क़ानून के विरोध में पोस्ट लिखने वालों को फ़ोन पर ऐसा न करने को कहा जा रहा है। प्रदेश सरकार इस संबंध में लगातार चेतावनी भी जारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है। हालांकि इन सभी जगहों पर केवल मोबाइल इंटरनेट सेवा ही बंद की गयी है। लखनऊ, प्रयागराज में सोमवार तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
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