एक ओर कोरोना महामारी में लोगों की जान जा रही है और दूसरी ओर कुछ लोग इस आपदा में अवसर ढूंढ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में एक अफ़सर का वीडियो वायरल हुआ है, जो कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट बनाने के लिए 200 रुपये मांग रहा था। वीडियो वायरल होते ही जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने अफ़सर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
जिलाधिकारी ने इस अफ़सर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया है। अफ़सर का नाम विजय पाल है और वह नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फर्रूखाबाद में कांट्रेक्ट पर बीते 5 साल से काम कर रहा था।
जिलाधिकारी ने कहा कि विजय पाल के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के साथ ही जांच का आदेश भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और उसका कहना है कि उसने 200 रुपये में नेगेटिव रिपोर्ट की बात मजाक में कही थी।
जिलाधिकारी ने कहा कि हालांकि यह वीडियो कुछ वक़्त पहले का है लेकिन उन्हें मंगलवार को इस बारे में पता चला। वीडियो में विजय पाल कोरोना की नेगेटिव एंटिजन टेस्ट रिपोर्ट के लिए 200 रुपये की मांग करता दिख रहा है और इस दौरान वह अपने ऑफ़िस में बैठा है।
वह यह भी कहता है कि अगर फर्जी काम कराना है तो पैसा चाहिए और अगर दूसरा आदमी बेईमानी करेगा तो वह भी अपने काम में बेईमानी करेगा। इस दौरान उससे कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट बनवाने की मांग कर रहे शख़्स ने उसका वीडियो बना लिया। इस दौरान वहां खड़ा एक शख़्स कहता है कि मोदी सरकार में अच्छी दलाली हो रही है।
पैसे मांगते वक़्त विजय पाल के चेहरे पर किसी तरह का कोई डर नहीं दिखाई देता और वह खुलकर पैसों की मांग करता है।
उत्तर प्रदेश में बीते साल भी ऐसे कई मामले आए थे, जिनमें कोरोना की नेगेटिव या पॉजिटिव रिपोर्ट बनाने के लिए पैसों की मांग की गई थी। लेकिन शायद सख़्त कार्रवाई के अभाव में ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं।
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