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ट्रक पर यूँ ले जाया जा रहा था। फ़ोटो साभार: ट्विटर/डॉ. अमन कश्यप

औरैया: अमानवीयता! यूपी से घायलों को शवों के साथ खुले ट्रक में भेजा

औरैया हादसे में मारे गए प्रवासी मज़दूरों और घायलों के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। मरने वाले लोगों के शवों और घायलों को खुले ट्रकों में लादकर झारखंड के लिए भेज दिया गया। शव तो रास्ते में ही डिकंपोज (सड़ने) भी होने लगे थे। लेकिन जब यह तवसीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपत्ति जताई तो इस मामले में अफरा-तफरी में इसे 'ढकने' की कोशिश की गई। 

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यह मामला 16 मई के औरैया हादसे से जुड़ा है। घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों के ट्रक की उत्तर प्रदेश के औरेया में 16 मई को दूसरे ट्रक से टक्कर हो गई थी। इसमें 26 मज़दूरों की मौत हो गयी थी और क़रीब 30 लोग घायल हो गए। इसमें 11 मृतक झारखंड के थे और बाक़ी बंगाल के। लेकिन शवों को भेजने वाली जो तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई उसको लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताई। इसको लेकर उन्होंने इस तसवीर वाले एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, ' यह स्थिति अमानवीय एवं अत्यंत संवेदनहीन है। बोकारो डेपुटी कमिश्नर और झारखंड पुलिस झारखण्ड की सीमा में प्रवेश करते ही घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करें। साथ ही मृतकों के पार्थिव को पूरे सम्मान के साथ उनके घर तक पहुँचाने का इंतज़ाम कर सूचित करें।'

हेमंत सोरोन के ट्वीट के बाद अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। शवों और घायलों को ले जा रहे ट्रकों को हाइवे पर ही प्रयागराज में रुकवाया गया और शवों को एंबुलेंस में लादा गया। शवों को ट्रक से एंबुलेंस में शिफ़्ट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसे हेमंत सोरेन ने भी ट्विटर पर रिट्वीट किया है।

'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार औरैया के ज़िला मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने कहा कि जो तसवीर वायरल हुई है उसकी जाँच कराई जाएगी। इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यात्रा के दौरान शव सड़ने लगे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जीवित व्यक्ति को ट्रक में शवों के साथ इस तरह भेजना 'आपराधिक कारनामा' है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि तीन ट्रकों में झारखंड और पश्चिम बंगाल के लिए उन्हें भेजा जा रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रक में शवों को प्लास्टिक कवर में लपेटकर बर्फ के साथ रखा गया था। लेकिन कुछ ही देर में बर्फ पिघल गई थी और इस कारण शव डिकंपोज होना शुरू हो गए थे।
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क़मर वहीद नक़वी
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