नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश में ख़ासा बवाल हुआ है। मेरठ, मुज़फ्फरनगर से लेकर बिजनौर और लखनऊ तक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं। लेकिन इन प्रदर्शनों के दौरान उपद्रवियों ने माहौल ख़राब करने की कोशिश भी की है और इससे ये प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं। यूपी में इस क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में 16 लोगों की मौत होने के बाद पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
अब मेरठ पुलिस की ओर से कई फ़ोटो और वीडियो जारी किए गए हैं। इनमें दो लोग मेरठ में प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर गोलियां चलाते दिख रहे हैं। पुलिस की ओर से जारी एक वीडियो में मुंह पर नक़ाब लगाया हुआ एक शख़्स बंदूक के साथ देखा जा सकता है। यह शख़्स नीली रंग की जैकेट पहने दिखता है। मेरठ में पिछले शुक्रवार को इस क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शन में जमकर बवाल हुआ था।
जनपद मेरठ दंगो मे कैमरों में कैद हुए गोली चलाते दंगाई #uppolice #meerutpolice @dgpup @uppolice @adgzonemeerut@igrangemeerut https://t.co/CHUc4lES9C via @YouTube
— MEERUT POLICE (@meerutpolice) December 25, 2019
पुलिस का कहना है कि हिंसक भीड़ ने 19 और 21 दिसंबर को उस पर हमले किए थे और उसे इन हमलों का जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मेरठ में सबसे ज़्यादा 6 लोगों की मौत हुई है।
यूपी में कई जगहों से पुलिस के घरों में घुसकर तोड़फोड़ करने की ख़बरें आ रही हैं। कई संगठनों ने कहा है कि पुलिस ज़्यादती पर उतर आई है और कार्रवाई करने के नाम पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है। हालाँकि राज्य के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने दावा किया है कि इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस को भी काफ़ी नुक़सान हुआ है।
‘288 पुलिसकर्मी हुए घायल’
शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 21 जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 288 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं और इनमें से 62 पुलिसकर्मी बंदूक की गोलियों से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हिंसा वाली जगहों से 500 प्रतिबंधित कारतूस भी बरामद किए हैं। कुछ दिन पहले रामलीला मैदान में हुई रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वालों और पुलिस पर हमला करने वालों की निंदा की थी।
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