उत्तर प्रदेश में सातवें व अंतिम चरण के लिए 54 सीटों पर वोट डाले गए। शाम पाँच बजे तक 54.18 फ़ीसदी वोटिंग हुई। इससे पहले 3 बजे तक 46.40% लोग वोट डाल चुके थे। इस चरण में आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र जिलों में मतदान हो रहा है। इस चरण में 2.06 करोड़ मतदाता 613 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फ़ैसला करेंगे।
2017 के नतीजे
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 54 सीटों में से 29 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 7 सीटें उसके सहयोगी दलों को मिली थी। सपा को 11 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 6 सीटें बीएसपी के खाते में गई थी।
इसके उलट 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा को यहां पर 34 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीएसपी को 7 और बीजेपी को 4 सीटों पर जीत मिली थी।
ये हैं चुनावी दिग्गज
इस चरण में मऊ सदर सीट से पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी, जहूराबाद से ओमप्रकाश राजभर, वाराणसी दक्षिण सीट से योगी सरकार के मंत्री नीलकंठ तिवारी, शिवपुर से अनिल राजभर, वाराणसी उत्तरी से रविंद्र जायसवाल और मड़ियाहूं सीट से रमा शंकर सिंह पटेल चुनाव मैदान में हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान घोसी, अलका राय मोहम्मदाबाद और कृष्ण प्रताप सिंह मल्हनी से चुनाव लड़ रहे हैं।
क्योंकि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है इसलिए बीजेपी को इस बार यहां पर बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन को इस इलाके में दलित और ओबीसी मतदाताओं का अच्छा साथ मिला था।
बीएसपी को गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज संसदीय क्षेत्रों में जीत मिली थी जबकि अखिलेश यादव आजमगढ़ की सीट से चुनाव जीते थे।
सहयोगी दल भी मैदान में
इस चरण में बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी भी कई सीटों पर चुनाव मैदान में है जबकि सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी चुनाव लड़ रही है।
इस इलाके में अपना दल (सोनेलाल) और ओमप्रकाश राजभर के दावों का भी इम्तिहान है। यहां की दो सीटें रॉबर्ट्सगंज और मिर्जापुर कुर्मी बहुल इलाके हैं और इनमें 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (सोनेलाल) को जीत मिली थी। दूसरी ओर, ओमप्रकाश राजभर भी इस इलाके के जाने-पहचाने चेहरे हैं और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उनसे यहां पर बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।
यहां पर कुर्मियों के अलावा राजभर मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। इसके अलावा निषाद मतदाताओं की संख्या भी ठीक-ठाक है।
2017 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की 8 सीटों में से बीजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एक सीट पर अपना दल (सोनेलाल) और दूसरी सीट पर सुभासपा को जीत मिली थी। वाराणसी में वैश्य समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है। इसके बाद ब्राह्मण, ओबीसी मतदाताओं में कुर्मी, यादव और दलित मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं।
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