योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2020 को लागू कर दिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ़) का गठन किया गया है। इस बल का गठन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) की तर्ज पर किया गया है।
गृह व सूचना विभाग की ओर से कहा गया है कि यूपीएसएसएफ़ उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थ स्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक व औद्योगिक संस्थान की सुरक्षा करेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से रविवार देर रात को कहा गया है कि यूपीएसएसएफ़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
सरकार ने कहा है कि यूपीएसएसएफ़ के तहत महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु वर्तमान में 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश के अवस्थी ने बताया कि विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में 5 बटालियन का गठन किया जाना प्रस्तावित है और इन बटालियनों के गठन हेतु कुल 1,913 नये पदों का सृजन किया जाएगा।
इन 5 बटालियन के गठन पर कुल व्यय भार 1747.06 करोड़ रुपये अनुमानित है जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं।
गृह विभाग की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को इसे लेकर आगे की योजना तैयार करने के लिए कहा है। हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को अदालतों, एयरपोर्ट, मेट्रो आदि की सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए एक विशेष फ़ोर्स बनाने का आदेश दिया था।
सरकार की ओर से कहा गया है कि यह फ़ोर्स यानी यूपीएसएसएफ़ यूपी डीजीपी के अधीन होगी और एडिशनल डायरेक्टर जनरल रैंक के अफ़सर इसका नेतृत्व करेंगे।
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